Get relief from physical problems: आज हम आयुर्वेद द्वारा हमारी शारीरिक परेशानियों को दूर करने के उपाय को जानेंगे। Ayurved ने हमें कई परेशानियों से मुक्ति दी है। आयुर्वेद आज का नहीं कई वर्षों से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। तो चलिए आज हम कुछ नुक्शे जानते हैं।
कब्ज : हमारे द्वारा भोजन ग्रहण करने के बाद उसका पाचन संस्थान द्वारा पाचन होता हैं। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रूकावट होती हैं, तो फिर भोजन सही ढंग से नहीं पचता तथा अपच होती है और फिर कब्ज होती हैं। सही ढंग से मल का न निकलना कब्ज कहलाता हैं।
- सौंठ काली मिर्च पीपल को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनायें सुबह-शाम एक-एक चम्मच लें। कब्ज दूर होगी।
- रात में दूध के साथ दो चम्मच ईसबगोल खाने से कब्ज में आराम मिलता हैं।
- रात को गर्म दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला लेने से कब्ज दूर होगा।
- भोजन के साथ सुबह शाम पपीता खाने से कब्ज दूर होता हैं। ऽ सौंठ हरड़ अजवायन को समान मात्रा में पानी में उबालें तथा वह पानी लेने से कब्ज दूर होगा।
पीलिया (जॉन्डिस)
इसका मुख्य कारण शरीर में सही ढंग से खून ना बनना हैं। इस कारण शरीर में पीलापन आ जाता हैं। सबसे पहले आंखों में पीलापन आता हैं उसके बाद शरीर और मूत्र पीला होता हैं। भूख न लगना, भोजन को देखकर उल्टी आना, मुंह का स्वाद कड़वा होना, नाड़ी की गति धीरे चलना आदि लक्षण हैं।
- गिलोय का चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह-शाम सादे पानी के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ मिलता हैं।
- त्रिफला चूर्ण का काढा बनाएँ उसमें मिश्री और घी मिलाकर सेवन करें।
- 10 ग्राम सौंठ का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम उपयोग करें।
बवासीर –
यह रोग मुख्यतः कब्ज के कारण होता हैं। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत लंबे समय तक रहती हैं उनको मुख्यतः यह रोग होता हैं। बवासीर दो प्रकार की होती हैं। 1. खूनी बवासीर 2. बादी बवासीर। इस रोग में मल बहुत कठिनाई से निकलता हैं और मल के साथ खून भी निकलता हैं।
- आँवले चूर्ण 10 ग्राम सुबह-शाम शहद के साथ लेने पर बवासीर में लाभ मिलता हैं।
- मूली का रस काला नमक डालकर पीने से भी आराम मिलता हैं।
- 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण शहद के साथ चाटें।
- काले तिल और ताजे मक्खन को समान मात्रा में मिलाकर खाने से बवासीर नष्ट होता हैं।
हृदय में दर्द
आजकल की जीवन शैली में, व्यापार में, घर में तनाव के कारण यह रोग अधिक होता हैं। बराबर मात्रा में नही होता। यह रोग होता हैं। हृदय में धमनियों द्वारा रक्त संचार धमनियों में रूकावट के कारण ही
- कच्ची लौकी का रस थोड़ा हींग, जीरा मिलाकर सुबह- शाम पीने से तत्काल लाभ मिलता हैं।
- अर्जुन की छाल का 10 ग्राम पाउडर और पाषाणवेध का 10 ग्राम पाउडर लेकर 500 मिली पानी में उबालें और पानी आधा रहने पर ठंड़ा करके सुबह शाम पीयें। इससे हृदय घात की बीमारी दूर होती हैं।
- गाजर का रस निकालकर सूप बनाकर पीने से लाभ मिलता हैं।
- इस बीमारी में लहसुन का प्रयोग सर्वश्रेष्ठ हैं। खाने में पके रूप में और कच्चे रूप में भी ले सकते हैं।
मोटापा : शरीर में जब वसा की मात्रा बढ़ जाती हैं और वह शरीर में एकत्र होने लगती हैं तो इसी से मोटापा आता जाता हैं। वह एकत्र वसा ही मोटापा हैं। मोटापा आने के बाद शरीर में सुस्ती रहती हैं, थकान होने लगती है। इसी कारण शुगर, हृदय रोग, अपच, कब्ज आदि बीमारी होने लगती हैं।
- सुबह-शाम खाली पेट गर्म पानी में नींबू निचोड़कर, सेंधा नमक मिलाकर पीयें।
- 10 ग्राम सौंठ को शहद में मिलाकर चाटने से भी मोटापा कम होता हैं।
- मूली के सलाद में नींबू और नमक मिलाकर प्रतिदिन लें।
- खाने के बाद एक चुटकी काले तिल चबाकर खायें।
बीमारी से सभी निजात पाना चाहते हैं मगर सही राह और सही इलाज ही बीमारी को भगा सकता है। इसलिए कोई भी प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर सलाह लें। क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर अलग-अलग तासीर एवं बनावट का होता है। इसलिए हमारे द्वारा बताये गये कोई भी प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर मिलें और उन्हें अपनी समस्या बताएं।
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