ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के बाद आषाढ़ माह की शुरूआत हो चुकी है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 4 जुलाई की प्रात: 5 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 5 जुलाई को प्रात: 5 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी. आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि का व्रत 4 जुलाई गुरुवार को रखा जाएगा
आषाढ़ माह के मासिक शिवरात्रि पर वृद्धि योग भी बन रहा है. यह योग सुबह 7 बजे से लेकर अगले दिन 5 जुलाई को 5 बजकर 14 मिनट तक रहेगा.
इस दिन मां पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इस उपवास से महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है और लड़कियों के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं. आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास योग समेत कई योगों का निर्माण हो रहा है.
आषाढ़ माह के मासिक शिवरात्रि पर मंगलकारी अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है. इस समय में शुभ कार्य के लिए उत्तम माना जाता है.4 जुलाई को सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है.
अखंड सौभाग्य के लिए हरियाली तीज का व्रत
सावन में भक्त हर दिन महादेव को जल चढ़ाते हैं और सोमवार के दिन व्रत करते हैं. सावन में महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. इस बार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त को शाम 7 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और 7 अगस्त को रात 10 बजे तक रहेगी. हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त बुधवार को रखा जाएगा.
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हरियाली तीज की आरती
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।। जय पार्वती माता।।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।
जग जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय पार्वती माता।।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।
देव जहं गावत नृत्य कर ताथा।। जय पार्वती माता।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।।
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
हेमांचल घर जन्मी सखि संग रंगराता।। जय पार्वती माता।।
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।
सहस्त्र भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।। जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।
नंदी भृंगी बिन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता।।
देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।। जय पार्वती माता।।
आरती मैया की जो कोई गाता।
सुख संपति पाता।। जय पार्वती माता।।
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