ध्यान एक मानसिक व्यायाम है जिसमें रिलैक्सेशन, फोकस और जागरूकता शामिल है। जिस तरह शरीर के लिए शारीरिक व्यायाम काम करता है वैसे ही मेडिटेशन दिमाग के लिए एक अभ्यास है। यह अभ्यास आमतौर पर व्यक्तिगत रूप से बैठकर शांत स्थिति में और आंखें बंद करके किया जाता है।
Meditation (ध्यान) की विधि :
ध्यान साधना ही सम्पूर्ण योग का उद्देश्य है। लेकिन एक अस्वस्थ शरीर से ध्यान साधना सम्भव नहीं है, इसलिए पहले शरीर को स्वस्थ रहना जरूरी है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सम्पूर्ण योग अपनाएं। आठ अंगों वाला अष्टांगयोग को सम्पूर्ण योग कहा गया है।
आसन के अभ्यास में ध्यान का महत्व :
योगाभ्यास का आरम्भ आसन से करना चाहिए। आसन शरीर के अंगों को मजबूती देते हैं, रक्तचाप को व्यवस्थित करते हैं और पाचन क्रिया को स्वस्थ रखते हैं। आसन का अभ्यास शरीर की क्षमता अनुसार करना चाहिए। सभी आसन करते समय ध्यान को अपने शरीर पर केंद्रित करना चाहिए। सभी आसन अपने शरीर की स्थिति व क्षमता अनुसार करें।
आसन की विधि :
योगा मेट या कपड़े की सीट बिछाएं। आसन का अभ्यास करते समय ध्यान चक्रों पर या शरीर के प्रभावित अंगों पर केंद्रित करें। सभी आसन करने के बाद सीधे लेट कर शव आसन में कुछ देर तक विश्राम करें। इस आसन में सीधे लेट कर शहरी के सभी अंगों की ढीला छोड़ दें। ध्यान को सम्पूर्ण शरीर पर केंद्रित करें।
प्राणायाम की विधि :
- आसन का अभ्यास करने के बाद उठ कर बैठ जाएं।
- पद्मासन या सुखासन की स्थिति में बैठें।
- रीढ व गर्दन को सीधा करके बैठें।
- आंखें कोमलता से बंध कर लें।
- सभी प्राणायाम अपने शरीर की स्थिति और श्वासो की अवस्था अनुसार करने चाहिएं।
- प्राणायाम अभ्यास में ध्यान को श्वासो पर केंद्रित करना चाहिए।
- सभी अभ्यास पूरे करने के बाद श्वासो को सामान्य करे।
ध्यान की सही विधि :
- पद्मासन, सुखासन में बैठें।
- रीढ व गर्दन को सीधा रखें।
- दोनो हाथों को घुटनों पर ज्ञान-मुद्रा में रखें।
- आते जाते श्वासों पर ध्यान को एकाग्र करें।
- कुछ देर बाद ध्यान को श्वासों से हटाएं और मस्तक के मध्य का स्थान आज्ञा चक्र में केंद्रित करें, कुछ देर आज्ञा चक्र में ठहरने के बाद सभी विचारों को छोड़ने का प्रयास करें और निर्विचार भाव से बैठें।
कुछ देर स्थिति में ठहरने के बाद ध्यान की स्थिति में वापिस आ जाएं। लंबा श्वास भरें. लेट कर कुछ देर विश्राम करें।
ध्यान के लाभ :-
- मानसिक तनाव को दूर करता है।
- मानसिक एकाग्रता देता है।
- मस्तिष्क का विकास होता है।
- अनिंद्रा को दूर करता है
- शरीर के लिए ऊर्जादायी है।
- शरीर के सभी तत्वों तथा रसायनों को संतुलित करता है।
- शरीर की सहन शक्ति तथा प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि करता है।
मेडिटेशन अभ्यास दिन में कितनी बार करना चाहिए –
मेडिटेशन का अभ्यास आप योग की तरह ही दिन में एक या दो बार कर सकते हैं लेकिन जरूरी है कि इसका अभ्यास आप हर रोज़ करें।
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