आर्थिक सर्वेक्षण भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला एक वार्षिक दस्तावेज है, जिसमें पिछले वर्ष की अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जाती है।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को बजट 2024-25 से एक दिन पहले, दोपहर 1 बजे आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश करेंगी। इसके बाद, दोपहर 2:30 बजे मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी अनंथा नागेश्वरन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति का विवरण देंगे। आर्थिक सर्वेक्षण भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बजट से पहले पिछले एक साल की आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है, जो अल्पकालिक से मध्यम अवधि की संभावनाओं का अवलोकन भी प्रदान करता है।
इसे 3 खंडों में विभाजित किया गया है- अवलोकन और सीईए परिप्रेक्ष्य (प्रमुख आर्थिक मुद्दों पर अंतर्दृष्टि और देश की वित्तीय स्थिति पर सरकार का रुख), क्षेत्रीय डेटा और आंकड़े (संबंधित विभागों और मंत्रालयों द्वारा दिए गए विभिन्न क्षेत्रों के डेटा), और व्यापक आर्थिक आंकड़े (राष्ट्रीय आय, उत्पादन, रोजगार, मुद्रास्फीति, व्यापार संतुलन, निर्यात-आयात व्यापार और अर्थव्यवस्था के अन्य पहलू)। मिनी आर्थिक सर्वेक्षण के शीर्ष बिंदु इस साल जनवरी में पेश किए गए मिनी आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रख सकता है।
मिनी आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है, “इससे लॉजिस्टिक्स लागत कम करने और उत्पाद की गुणवत्ता में निवेश करने की आवश्यकता पर बल मिलता है ताकि उन क्षेत्रों में बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखा जा सके और उसका विस्तार किया जा सके जहां भारत को बढ़त है।”
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