धर्म

विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाते हैं और इसका क्या महत्व है

क्यों मनाई जाती है विश्वकर्मा जयंती

आज 17 सितंबर को देशभर में विश्वकर्मा जयंती का आयोजन किया जा रहा है साथ ही साथ आज अनंत चतुर्दशी भी मनाई जा रही है। आज विश्वकर्मा पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह त्योहार मुख्य तौर पर विश्वकर्मा के पांच पुत्रो: मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी और देवज्ञ की संतानों द्वारा मनाई जाती है जो की अपने देव शिल्पी की विद्या से संसार के कार्यों में अपना सहयोग देते आए है।

कौन हैं भगवान विश्वकर्मा

विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पकार हैं और इनकी पूजा से मशीनरी से जुड़े कामों में आने वाली बाधाएं खत्म हो जाती हैं। आज हमारे आसपास जितनी भी मशीनरी और निर्माण कार्य दिख रहे हैं, वे भगवान विश्वकर्मा की वजह से ही हैं।

कारखानों और औद्योगिक क्षेत्रों में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व
भक्त अपने-अपने क्षेत्र में प्रगति और समृद्धि के लिए भगवान विश्वकर्मा की आराधना करते हैं। अपने सभी उपकरणों की, मशीनों की, वाहनों की विधिवत विशेष पूजा भी करते हैं। त्योहार मुख्य रूप से कारखानों और औद्योगिक क्षेत्रों में मनाया जाता है।

कैसे मनाएं विश्वकर्मा जयंती

  • विश्वकर्मा जयंती विश्वकर्मा भगवान की पूजा, ध्यान, और आराधना के साथ मनाई जाती है, जिन्हें कारीगरों और उनके कौशल के देवता माना जाता है।
  • मूर्तियों को सजाकर, पूजा का आयोजन करके जयंती मनाई जा सकती है।
  • घर, दुकान या फैक्ट्रियों में लोहे, वाहन और मशीनों की पूजा करें।

विश्वकर्मा जयंती पर पूजा बनने वाला भोग प्रसाद

  • दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बना पंचामृत
  • केला, नारियल, सेब, अंगूर आदि विभिन्न प्रकार के ताजे फल अर्पित
  • लड्डू, पेड़ा, मिठाई, खासकर मोदक या अन्य पारंपरिक मिठाइयाँ
  • चावल और दूध से बनी खीर
  • गेहूं के आटे से बने पुए और हल्के मीठे पकवान
  • खिचड़ी, चावल, दाल और सब्ज़ी का भोग भी

विश्वकर्मा जयंती पर पूजा में क्या सावधानी रखें :

  • इस दिन जरूरी न हो तो औजारों और मशीनों का उपयोग न करें या बहुत कम समय के लिए करें। लेकिन पूजा करने के बाद। हो सके तो इन्हें एक दिन का आराम दें।
  • औजारों को इधर-उधर न फेंके। इससे विश्वकर्मा भगवान नाराज हो सकते हैं।
  • पूजा के दिन नकारात्मक बातों या विवादों से बचें।
  • इस दिन मांस, मदिरा और तामसिक चीजों का भोग न करें।

कुछ स्थानों पर विश्वकर्मा जयंती पर मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में विश्वकर्मा देवता की मूर्ति को सजाकर पूजा की जाती है। विश्वकर्मा जयंती पर शिल्पकारों को सम्मानित किया जाता है। इस दिन लोग अपने आदर्श शिल्पकारों को पुरस्कार देकर उनका सम्मान करते हैं। विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, महल बनाए हैं।

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