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Ratan Tata Passed Away : मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन, 86 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

Ratan Tata Passed Away : देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शामिल रतन टाटा अब हमारे बीच में नहीं हैं। मृत्यु से पहले टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. रतन टाटा 86 साल के थे।

टाटा का उत्तराधिकारी कौन, किसके हाथ में होगी कमान, कौन है नोएल टाटा?

रतन टाटा के निधन के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, जो उनकी विरासत को आगे ले जाएगा. रतन टाटा ने शादी नहीं की थी और उनकी अपनी कोई संतान नहीं है. हां, उनके पिता की दूसरी शादी से एक बेटा है जो उनका सौतेला भाई है. उनका नाम नोएल टाटा है.

Noel Tata family: नोएल टाटा की तीन संतानें हैं, जिनमें दो बेटी और एक बेटा है. बेटियों के नाम माया टाटा और लिया टाटा हैं, जबकि बेटा दूसरे नंबर पर है और उसका नाम नेविल टाटा है. ये सभी टाटा ग्रुप्स से किसी न किसी रूप में जुड़े हैं. अब तक रतन टाटा की कोई वसीयत सामने नहीं आई है ऐसे में उनका पारिवारिक रिश्तेदार होने के नाते नोएल टाटा को उनका उत्तराधिकारी माना जा रहा है।

नोएल टाटा ने अपना करियर टाटा इंटरनेशनल से शुरू किया, जो टाटा समूह की विदेश में पेश किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं के लिए शाखा है। 2010-2011 में यह घोषणा की गई थी कि टाटा को टाटा इंटरनेशनल का प्रबंध निदेशक बनना था, जो कि 70 बिलियन डॉलर के समूह के विदेशी कारोबार से निपटने वाली कंपनी थी, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें रतन टाटा को टाटा समूह के प्रमुख के रूप में सफल बनाने के लिए तैयार किया जा रहा था ।

हालाँकि, 2011 में उनके बहनोई साइरस मिस्त्री को रतन टाटा का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। अक्टूबर 2016 में, साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में हटा दिया गया और रतन टाटा ने फरवरी 2017 तक चार महीने के लिए समूह के अध्यक्ष का पद संभाला । उन्हें 2018 में टाइटन कंपनी का उपाध्यक्ष बनाया गया और फरवरी 2019 में सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया। 2019 से, नोएल सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड पर ट्रस्टी रहे हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर कहा, “श्री रतन टाटा के दुखद निधन से भारत ने एक ऐसे आइकन को खो दिया है, जिन्होंने कॉर्पोरेट विकास को राष्ट्र निर्माण और उत्कृष्टता को नैतिकता के साथ जोड़ा। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित, उन्होंने टाटा की महान विरासत को आगे बढ़ाया और इसे और अधिक प्रभावशाली वैश्विक उपस्थिति दी।”

पीएम मोदी ने शोक जताया

रतन टाटा के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है. उन्होंने लिखा है कि रतन टाटा एक दूरदर्शी कारोबारी नेता थे, एक दयालु आत्मा और असाधारण इंसान थे. उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने लिखा है कि वह रतन टाटा की अनुपस्थिति स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।

अन्य बड़े दिग्गज नेताओं ने भी टाटा के निधन पर शोक जताया

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह : श्री रतन टाटा के निधन से दुखी हूं। वह भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज थे, जिन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता था। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव :देश के प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन श्री रतन टाटा जी का निधन न केवल उद्योग जगत के लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए अपूरणीय क्षति है।
  • राहुल गांधी : वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने कारोबार और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है।
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे : उनके निधन से “हमने भारत का एक अमूल्य सपूत खो दिया है।”
  • पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ : मैं देश के प्रसिद्ध उद्योगपति और समाजसेवी पद्म विभूषण श्री रतन टाटा के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। अपनी औद्योगिक विशेषज्ञता के साथ उन्होंने राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया। उनके निधन से देश ने एक प्रतिबद्ध औद्योगिक नेता खो दिया है।”

महान दूरदर्शी व्‍यक्ति को खो दिया : गौतम अदाणी

उद्योगपति और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने रतन टाटा के निधन पर दुख जताते हुए एक्‍स पर एक पोस्‍ट में कहा,“भारत ने एक महान, दूरदर्शी व्यक्ति को खो दिया है जिसने आधुनिक भारत की राह को फिर से परिभाषित किया. रतन टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे – उन्होंने अखंडता, करुणा और व्यापक भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ देश की भावना को मूर्त रूप दिया. उनके जैसे महापुरुषों की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती.”

मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं : रतन टाटा

रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा है। वह 86 साल के थे। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। वह टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। रतन टाटा अपनी मेहनत और लगन से कई ऐसे कठिन काम किए हैं, जिसको करना हर किसी के बस की बात नहीं है। उन्होंने अपने संघर्ष के कारण सफलता के शिखर पर पहुंचे। अक्सर वह कहा करते हैं कि मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता हूं। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं।

रतन टाटा के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें:

  • सादगी और विनम्रता: रतन टाटा अपनी सादगी के लिए प्रसिद्ध हैं। इतने बड़े उद्योगपति होने के बावजूद वे एक साधारण जीवन जीते हैं और दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते हैं। वे सोशल मीडिया पर भी अक्सर प्रेरणादायक और सकारात्मक संदेश साझा करते हैं।
  • कभी शादी नहीं की: रतन टाटा ने आज तक शादी नहीं की। वे मानते हैं कि उनका निजी जीवन और करियर हमेशा से प्राथमिकता में रहे हैं, इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया।
  • देशभक्ति: रतन टाटा भारतीय सेना और देश के प्रति गहरे सम्मान रखते हैं। वे हमेशा देशहित के मुद्दों में खुलकर समर्थन देते हैं। 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद उन्होंने होटल ताज में घायल हुए लोगों की मदद के लिए काफी प्रयास किए।
  • शिक्षा के प्रति समर्पण: रतन टाटा ने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की पढ़ाई की। वे आज भी शिक्षा को बहुत महत्व देते हैं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कई स्कॉलरशिप प्रोग्राम चलाते हैं।
  • टाटा नैनो: रतन टाटा की सोच थी कि हर भारतीय के पास अपनी कार हो। इस सोच से प्रेरित होकर उन्होंने दुनिया की सबसे सस्ती कार, टाटा नैनो, बनाई। इसका उद्देश्य था आम जनता को कार का सपना पूरा करने में मदद करना।
  • इनाम और सम्मान: रतन टाटा को उनके योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जिनमें भारत सरकार द्वारा दिए गए “पद्म विभूषण” और “पद्म भूषण” शामिल हैं।
  • दूरदर्शिता: उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिनमें जगुआर लैंड रोवर और टेटली शामिल हैं।
  • फाउंडेशन का काम: रतन टाटा का मानना है कि धन समाज की भलाई के लिए होना चाहिए। इसलिए उन्होंने टाटा ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

रतन टाटा के जीवन से जुड़ी किताबें

Ratan Tata Indian top books : टाटा संस बना टाटा समूह के अध्यक्ष बने और (1990 से 2012 और 2016,17 से लेकर अब तक के उनके जीवन को ये किताबें आपको बतलाइएंगी और साथ ही साथ उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया, इसके बारे में भी इन किताबों में लिखा है। यहां आपको पांच रतन टाटा के जीवन से जुड़ी किताबें मिल रही हैं।

  • The Wit & Wisdom of Ratan Tata
  • Getting India Back On Track: An Action Agenda for Reform
  • The Art of Racing in The Rain
  • From Steel to Cellular
  • Ratan Tata A Complete Biography

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