“एक माँ का भी जन्म बच्चे के साथ ही होता है। इससे पहले तक वो भी नहीं होती है। – ओशो”
प्रसव-पूर्व घबराहट और कुछ गलत होने की चिंता के बीच अंतर बता पाना लगभग असंभव है, क्योंकि हमारे पहले से ही थके हुए मन और शरीर पर अतिरिक्त हार्मोन और अतिरिक्त चिंताएं हावी हो जाती हैं। गर्भवती महिलाओं को हमेशा दिमाग से शांत व सकारात्मक रहना चाहिए और वो सभी काम करने चाहिए जिससे उन्हें खुशी मिलती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए टॉप सुझाव जो बच्चे को लेकर चिंतित हैं
खुद पर भरोसा करें कि आप एक फाइटर हैं : खुद को आईने में देखें और ज़ोर से कहें, मैं एक योद्धा हूँ। यह न केवल आपको शक्तिशाली बनाएगा, बल्कि यह आपको याद दिलाएगा कि आप गर्भावस्था के दौरान होने वाले दर्द शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक को सहन करने में सक्षम हैं। आपके शरीर में एक अद्भुत प्रक्रिया हो रही है। अपनी ताकत और क्षमताओं पर भरोसा करें, आप इस यात्रा को सफलतापूर्वक पार कर सकती हैं।
एक आस, एक विश्वास और एक एहसास है जो हर पल मेरे साथ रहता है। मेरी खुशियों की सबसे बड़ी वजह हैं ये नौ महीने। – शिल्पा शेट्टी
अच्छे दिनों का लाभ उठाओ : गर्भावस्था के दौरान सकारात्मक माहौल और सोच रखना आपके और आपके बच्चे के लिए फायदेमंद होता है। अपने चारों ओर सकारात्मक लोगों और विचारों को बनाए रखें। आपको जो ऊर्जा मिलती है उसका लाभ उठायें – चाहे आप इसका उपयोग व्यायाम के लिए करें, किसी कार्य परियोजना में आगे बढ़ने के लिए, या फिर अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए। आप खुद अच्छे कामों में व्यस्त रखें बिल्कुल भी मायूस न होने दें या चिंतित न होने दें।
धैर्य और संतुलन बनाए रखें: गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी शारीरिक और मानसिक चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन धैर्य बनाए रखना आवश्यक है। नियमित ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
“माँ बनना एक अनमोल अनुभव है। यह आपको ताकत और नई सोच देता है। मैं इस सफर का हर पल आनंद ले रही हूँ।” : करीना कपूर खान
खुद को दोष मत दीजिए : पूरे दिन बैठे रहना किसी के लिए भी आदर्श नहीं है। इससे मैं व्यक्तिगत रूप से सबसे खराब स्थिति में आलसी और बेकार महसूस करता हूँ, और सबसे अच्छी स्थिति में ऊब जाता हूँ।
माँ बनना जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। यह खुशी और जिम्मेदारी दोनों लाता है।” : ऐश्वर्या राय
“माँ बनना जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। यह खुशी और जिम्मेदारी दोनों लाता है।” : ऐश्वर्या राय
मदद मांगने में झिझके नहीं : मैं खुद एक ऐसी महिला हूँ जिसके आस-पास कोई परिवार नहीं है, और जो लोग हैं वो सब काम काजी लोग हैं बहुत ही व्यस्त दिनचर्या वाले लोग हैं। फिर भी आप उनसे उम्मीद रख सकती हैं। आप अपने परिवार, दोस्तों और विशेषज्ञों से सहायता और मार्गदर्शन लें। आप बिल्कुल भी न सोचें कि आप अकेली हैं, आप एक सपोर्ट सिस्टम जनरेट कर सकती हैं। आप भरोसा रखें आप लोगों की मदद से अपनी प्रेग्नेंसी यात्रा को आसान बना सकती है।
आपके मित्र, परिवार और सहकर्मी आपसे पूछेंगे कि वे किस तरह से मदद कर सकते हैं, लेकिन वे तब तक कोई कदम नहीं उठाएँगे जब तक कि उन्हें आपकी ओर से हरी झंडी न मिल जाए। इसलिए ऐसा न सोचें कि आप लोगों पर बोझ डाल रहे हैं कि वे उनके लिए खाना लाएँ या कुछ घंटों के लिए अपने बच्चों की देखभाल अपने हाथों से ले लें। आप उनकी मदद स्वीकार करें।
“प्रेग्नेंसी में हर दिन नया अनुभव होता है। यह जीवन का सबसे सुंदर बदलाव है, जो आपको अंदर से मजबूत और संतुलित बनाता है।” : अनुष्का शर्मा
अपने शरीर की सुनें: अपने शरीर के संकेतों को समझें और आवश्यकता महसूस होने पर आराम करें। खुद को आराम देने में संकोच न करें।
पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का संतुलन: पारंपरिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए आधुनिक चिकित्सा की सलाह भी जरूरी है। डॉक्टर के नियमित चेकअप को प्राथमिकता दें और किसी भी स्वास्थ्य समस्या को नजरअंदाज न करें।
मैं एक धार्मिक महिला हूं इसलिए आपको मैंने यहां ये सलाह भारतीय संस्कृति और परंपराओं के अनुरूप बतलाई हैं मगर सच मानिए ये सभी सलाह गर्भवती महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं।
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