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Muhurat Trading 2024 : मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है, इसके लाभ और हानि क्या है

मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजार में एक विशेष ट्रेडिंग सत्र होता है जो दिवाली के दिन आयोजित किया जाता है। इसका मतलब है कि मुहूर्त ट्रेडिंग भारत में व्यापारियों द्वारा अपनाई जाने वाली एक आम रस्म है। यह एक घंटे का समय होता है जिसे दिवाली के दिन शेयरों में निवेश के लिए शुभ माना जाता है। इसे एक शुभ समय (मुहूर्त) पर आयोजित किया जाता है, और यह विशेष रूप से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

इस ट्रेडिंग सत्र में निवेशक और व्यापारी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा करके अपनी ट्रेडिंग का शुभारंभ करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस एक घंटे के दौरान व्यापार करने वाले लोगों को पूरे साल धन कमाने और समृद्धि प्राप्त करने का बेहतर मौका मिलता है।

मुहूर्त ट्रेडिंग 2024 का समय

Diwali Muhurat Trading 2024: Date and Timings : इस वर्ष यानि 2024 में शुक्रवार, 1 नवंबर को शाम 6.00 से 7.00 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग होगी, 2024 के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा निर्धारित किया जाता है। 1 नवंबर 2024 को मुहूर्त ट्रेडिंग के कारण, 31 अक्टूबर 2024 और 1 नवंबर 2024 की ट्रेड डेट के लिए पे-इन/पे-आउट ट्रांजैक्शन 4 नवंबर 2024 को सुबह 8:30 बजे निपटाए जाएंगे।

असमंजस से बचने के लिए : BSE की वेबसाइट bseindia.com पर जाएं और टॉप पर ‘Trading Holidays’ विकल्प पर क्लिक करें। ‘Trading Holidays‘ विकल्प पर क्लिक करने के बाद, 2024 में शेयर बाजार की छुट्टियों की पूरी लिस्ट खुल जाती है। इस लिस्ट में, अक्टूबर 2024 में सिर्फ़ एक छुट्टी है जो महात्मा गांधी जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर 2024 को पड़ी थी। अवकाश 1 नवंबर 2024 को पड़ेगा। इसका मतलब है कि कल भारतीय शेयर मार्केट खुला रहेगा।

मुहूर्त व्यापार का महत्व

मुहूर्त व्यापार को नए वित्तीय वर्ष की सकारात्मक शुरुआत के रूप में देखा जाता है और यह भारतीय शेयर बाजार में एक मूल्यवान परंपरा है. विशेषज्ञों का मानना था कि मुहूर्त व्यापार दिवस के दौरान बाजार में धन निवेश करना शुभ है. स्टॉक ब्रोकरों ने दिवाली के दिन से अपना नया वर्ष शुरू किया. इसलिए वे दीपावली पर अपने ग्राहकों के लिए नए निपटान खाते खोलते हैं. यह शुभ समय मुहूर्त के नाम से जाना जाता है. अधिकांश हिंदू निवेशक लक्ष्मी पूजन करते हैं और फिर मजबूत कंपनियों के शेयर खरीदते हैं जो लंबे समय में अच्छा रिटर्न जनरेट कर सकते हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे हुई?

मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा का संबंध भारतीय व्यापारियों की सांस्कृतिक मान्यताओं से है। ऐसा माना जाता है कि इसका आरंभ पुराने समय में हुआ था जब व्यापारी दिवाली के दिन अपने बहीखातों का उद्घाटन करते थे। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों ने इसे एक परंपरा के रूप में अपनाया और हर साल इसे दिवाली पर आयोजित किया जाने लगा।

Groww ट्रेडिंग ऐप के अनुसार मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत कब हुई

मुहूर्त ट्रेडिंग के लाभ

  1. सांस्कृतिक महत्व: भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त पर निवेश करना शुभ माना जाता है, और निवेशक इसे भाग्यशाली मानते हैं।
  2. अच्छी शुरुआत का प्रतीक: नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करने का अवसर मिलता है और लोग नए निवेश और ट्रेडिंग की शुरुआत करते हैं।
  3. कम वोलैटिलिटी: अक्सर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान वोलैटिलिटी कम होती है, क्योंकि लोग लघु समय के लिए ट्रेड करते हैं।
  4. बाजार का सकारात्मक रुझान: दिवाली के मौके पर बाजार में सकारात्मक भावना रहती है, और कई निवेशक दीर्घकालिक लाभ के लिए निवेश करते हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग के नुकसान

  1. कम समय: मुहूर्त ट्रेडिंग का समय बहुत सीमित होता है (एक घंटा), जिससे ट्रेडिंग में सीमित अवसर मिलते हैं।
  2. हाई वोलैटिलिटी: कभी-कभी अधिक भावनात्मक निवेश के कारण वोलैटिलिटी बढ़ सकती है, जो नये निवेशकों के लिए जोखिमभरा हो सकता है।
  3. फी-आधारित लागतें: इस विशेष सत्र में ट्रेडिंग फीस लागू होती है, जो छोटे निवेशकों के लिए महंगी हो सकती है।
  4. अवसर की कमी: सामान्य ट्रेडिंग की तरह विश्लेषण और योजना बनाने का मौका कम मिलता है, जिससे उचित मूल्यांकन नहीं हो पाता।

निष्कर्ष : मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजार में एक विशेष परंपरा का हिस्सा है। यह न केवल निवेशकों को एक सांस्कृतिक जुड़ाव देता है बल्कि उन्हें बाजार में एक नई शुरुआत करने का मौका भी प्रदान करता है। हालांकि, निवेशकों को इसे लेकर संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और जोखिम का आकलन करना चाहिए।

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