Crouzon syndrome : क्रूज़ोन सिंड्रोम एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार है, कहीं कहीं इसको क्राउज़ोन सिंड्रोम भी बोला जाता है। जिसमें सिर और चेहरे की हड्डियाँ असामान्य रूप से बढ़ती हैं। इससे व्यक्ति के चेहरे की संरचना में बदलाव आता है, जैसे कि आंखें बाहर की ओर उभरी हुई लग सकती हैं और माथा चौड़ा हो सकता है। यह विकार बच्चों के जन्म के समय से ही होता है और मुख्य रूप से जेनेटिक म्यूटेशन के कारण होता है।
शिशुओं में क्रौज़ोन सिंड्रोम
क्रौज़ोन सिंड्रोम के लक्षण शिशु के जीवन के पहले कुछ महीनों में शुरू हो सकते हैं और उसके दूसरे या तीसरे जन्मदिन तक बढ़ते रह सकते हैं। क्राउज़ोन सिंड्रोम से पीड़ित लोगों की जीवन प्रत्याशा सामान्य होती है। इस स्थिति से पीड़ित ज़्यादातर बच्चे बौद्धिक रूप से प्रभावित नहीं होते । हालाँकि, यह चेहरे के आकार को बदल सकता है और दृष्टि और सुनने की समस्याएँ पैदा कर सकता है।
क्रौज़ोन सिंड्रोम के संकेत और लक्षण
क्रूज़ोन सिंड्रोम एक आनुवंशिक म्यूटेशन के कारण होता है, जो सामान्यतः FGFR2 जीन में होता है। यह म्यूटेशन जन्म से पहले विकास के दौरान होता है और इससे असामान्य हड्डी की वृद्धि होती है।
क्रूज़ोन सिंड्रोम के लक्षण
- क्रेनियोसिनोस्टोसिस : क्राउज़ोन सिंड्रोम से जुड़ा सबसे आम क्रेनियोसिनोस्टोसिस पैटर्न दोनों कोरोनल टांकों का समय से पहले जुड़ जाना है, जिसके परिणामस्वरूप सिर आगे से पीछे की ओर छोटा होता है, और माथा सपाट होता है। सिर लंबा हो सकता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो क्रेनियोसिनोस्टोसिस से मस्तिष्क पर दबाव बढ़ सकता है। क्रेनियोसिनोस्टोसिस के अन्य रूप भी हो सकते हैं।
- मिडफेस डेफिसिएन्सी: क्राउज़ोन सिंड्रोम में आँखों और ऊपरी जबड़े के बीच चेहरे की हड्डियों का क्षेत्र छोटा होता है। इससे अंडरबाइट और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समस्या हो सकती है। छोटी कक्षाओं के कारण, आँखें अधिक उभरी हुई दिखाई दे सकती हैं।
- हाइपरटेलोरबिटिज्म: क्रौज़ोन सिंड्रोम में आंखें एक दूसरे से बहुत दूर हो सकती हैं।
- चेहरे की असामान्य संरचना – उभरी हुई आंखें, चौड़ा माथा।
- दांतों की समस्या – दांतों का अनियमित आकार।
- सांस लेने में कठिनाई – इस कारण ट्रेकियोस्टॉमी की जरूरत पड़ सकती है।
- सुनने की समस्या – कानों की हड्डियों की संरचना प्रभावित होती है।
क्राउज़ोन सिंड्रोम की जटिलताएं क्या हैं?
क्राउज़ोन सिंड्रोम के शारीरिक प्रभावों के कारण, आपके बच्चे को जटिलताएँ हो सकती हैं। इन जटिलताओं में शामिल हो सकते हैं: नजरों को समस्या, दंत समस्याएं, साँस लेने में समस्याएँ, बहरापन एवं बौद्धिक विकलांगता।
क्राउज़ोन सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है?
इसका उपचार मुख्य रूप से सर्जरी पर आधारित होता है, जो सिर और चेहरे की हड्डियों को ठीक करने के लिए की जाती है। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर निम्नलिखित इलाजों का भी सुझाव दे सकते हैं:
- क्रेनियोफेशियल सर्जरी – सिर और चेहरे की हड्डियों को ठीक करने के लिए।
- ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट – दांतों की अनियमितता को ठीक करने के लिए।
- श्वसन समस्याओं के लिए – ट्रेकियोस्टॉमी या अन्य सर्जिकल प्रक्रियाएं।
हालाँकि, सभी बच्चों को सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आपके बच्चे को हल्का क्रोज़ोन सिंड्रोम है, तो उनके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता हेलमेट थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। हेलमेट थेरेपी के साथ, आपका बच्चा एक विशेष चिकित्सा हेलमेट पहनता है जो समय के साथ धीरे-धीरे उसकी खोपड़ी को फिर से आकार देता है।
यदि कोई बच्चा क्रूज़ोन सिंड्रोम से पीड़ित है तो मां बाप को कैसा व्यवहार करना चाहिए
यदि आप एक क्रूज़ोन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे की मां हैं तो आपको अपने बच्चे के साथ बहुत धैर्य पूर्वक व्यवहार करना सीखना पड़ेगा। आप उसके साथ कठोरता का व्यवहार नहीं कर सकते है।
क्रूज़ोन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे के माता-पिता को बहुत धैर्य और संवेदनशीलता के साथ बच्चे का पालन करना चाहिए। इस स्थिति में माता-पिता का प्यार, सहयोग, और समझ बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास में बहुत मददगार हो सकता है।
यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं कि कैसे माता-पिता बच्चे का समर्थन कर सकते हैं:
- समझ और धैर्य रखें :क्रूज़ोन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे को आपके प्यार की बहुत जरूरत होती है और प्यार के साथ साथ सुरक्षा महसूस कराना बहुत जरूरी है। बच्चे को विशेष देखभाल की जरूरत होती है, इसलिए माता-पिता को धैर्यपूर्वक हर स्थिति का सामना करना चाहिए।
- सकारात्मक रहें : आपको ध्यान रखना पड़ेगा कि आपके क्रूज़ोन सिंड्रोम बच्चे को उसके आस पास के समाज में उसको कोई कठिनाई तो नहीं हो रही है। आप अपने बच्चे को आत्मविश्वास से जीने के लिए प्रोत्साहित करें। उसकी शारीरिक चुनौतियों को उसकी ताकत बनाए। बच्चे के आत्म-सम्मान को बढ़ावा दें, अपने बच्चे को ये अहसास कराए कि वो किसी अन्य बच्चे की तुलना में कमजोर नहीं है। उसकी क्षमताओं पर ध्यान दें और उसे अपनी खूबियों को पहचानने का मौका दें।
- समर्थन समूह से जुड़ें : कई बार, माता-पिता को इस स्थिति को समझने और उससे निपटने में मुश्किल होती है। समर्थन समूह या ऑनलाइन समुदाय में जुड़कर वे अन्य माता-पिता के अनुभवों और सलाहों से प्रेरणा और सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।
- स्कूल और दोस्तों के साथ संपर्क रखें : आपका बच्चा यदि स्कूल जाता है तो उसके स्कूल माहौल में बच्चे को किस प्रकार के समर्थन की जरूरत है, इसके बारे में शिक्षकों और दोस्तों को भी बताएं। इससे बच्चे के प्रति वे संवेदनशील रहेंगे और उसका आत्मविश्वास बना रहेगा। अपने बच्चे के साथ खुलकर बातचीत करें और उसे समझाएं कि वह अपनी समस्याओं को आपके साथ साझा कर सकता है। इससे वह मानसिक रूप से मजबूत बनेगा और उसकी भावनाओं को पहचानने में मदद मिलेगी।
- भावनात्मक समर्थन दें : इस स्थिति में बच्चों को भावनात्मक समर्थन की अत्यधिक आवश्यकता होती है। माता-पिता का समझना और बच्चे की परेशानियों को महसूस करना उसकी मानसिकता को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
माता-पिता का सकारात्मक और समझदार रवैया न केवल बच्चे की मानसिक स्थिति को सुधार सकता है बल्कि उसके जीवन को भी खुशहाल बना सकता है।
भारत और अमेरिका में क्रूज़ोन सिंड्रोम का प्रतिशत
क्रूज़ोन सिंड्रोम एक दुर्लभ विकार है, और इसकी वैश्विक प्रसार दर लगभग 1:25,000 से 1:60,000 जन्मों में होती है। भारत में इस विकार का सटीक डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसका प्रतिशत अमेरिका के बराबर माना जा सकता है, क्योंकि यह विकार अनुवांशिक है और स्थान आधारित नहीं है। अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में यह दुर्लभ ही पाया जाता है, पर इसकी दरों में बहुत अंतर नहीं होता है अमेरिका में क्रूज़ोन सिंड्रोम का प्रतिशत : अमेरिका में क्रूज़ोन सिंड्रोम का औसतन प्रसार 1:25,000 जन्म है।
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