How to treat pneumonia cough? निमोनिया के कारण, लक्षण और निदान
सर्दियों का मौसम आते ही कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं, जिसमें से एक आम और गंभीर समस्या है निमोनिया। यह संक्रमण मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है और अगर समय पर इसका उपचार न किया जाए, तो यह कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। इस लेख में हम निमोनिया के लक्षण, कारण, और इसके बचाव के तरीके जानेंगे।
निमोनिया के खिलाफ लड़ाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, विश्व निमोनिया दिवस का उद्देश्य सभी को यह बताना है कि निमोनिया एक रोकथाम योग्य और उपचार योग्य बीमारी है।
विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास
विश्व निमोनिया दिवस की स्थापना सबसे पहले 2009 में बाल निमोनिया के खिलाफ वैश्विक गठबंधन द्वारा की गई थी। इस दिन का उद्देश्य लोगों को निमोनिया से जुड़ी या उससे जुड़ी स्थितियों की अनदेखी करने के खतरों के बारे में शिक्षित करना और जानकारी देना था।
निमोनिया के रोकथाम और उपचार क्या है
यह एक संक्रमण होता है जिससे फेफड़ों में हवा भरने वाले स्थान सूज जाते हैं और उनमें तरल भर सकता है। निमोनिया एक तीव्र श्वसन संक्रमण है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। आमतौर पर यह वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है, और इस संक्रमण से श्वास संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके कारण श्वास लेने में कठिनाई, तेज बुखार, ठंड लगना, और सीने में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। निमोनिया से संक्रमित व्यक्ति को समय पर इलाज की आवश्यकता होती है ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।
पहचान के क्या हैं लक्षण?
निमोनिया के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
- तेज बुखार
- खांसी
- ठंड लगना
- सीने में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- थकान और कमजोरी
निमोनिया के कारण क्या हैं
निमोनिया विभिन्न माइकोबैक्टीरिया के कारण होता है—जिसमें बैक्टीरिया, वायरस, माइकोबैक्टीरिया, फ़ंगस और परजीवी शामिल होते हैं। व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, जगह और अन्य कारकों के आधार पर विशेष ऑर्गेनिज़्म अलग-अलग होते हैं। इसमें एक से अधिक माइक्रोऑर्गेनिज़्म शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, इन्फ़्लूएंज़ा (वायरल संक्रमण) अक्सर बैक्टीरियल निमोनिया से अधिक जटिल हो जाता है।
यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह निमोनिया का संकेत हो सकते हैं और ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
निमोनिया कब विकसित होता है
आमतौर पर निमोनिया की शुरुआत तब होती है, जब माइक्रोऑर्गेनिज़्म, वायुमार्ग के ऊपरी हिस्से से फेफड़ों में प्रवेश करते हैं, लेकिन कभी-कभी संक्रमण, वायुमार्ग और फेफड़ों में मौजूद माइक्रोऑर्गेनिज़्म में असंतुलन या हवा से सांस के ज़रिए लिए जाने वाले माइक्रोऑर्गेनिज़्म के द्वारा रक्त प्रवाह के ज़रिए फेफड़ों में पहुँचने की वजह से होता है।
- डिफ़ेंस मैकेनिज़्म ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
- बड़ी मात्रा में बैक्टीरिया, साँस के साथ अंदर जाते हैं और सामान्य डिफ़ेंस से अधिक हो जाते हैं।
- विशेष तौर पर संक्रामक ऑर्गेनिज़्म अंदर प्रवेश करता है।
निमोनिया रोग किसकी कमी से होता है?
निमोनिया विभिन्न बैक्टीरिया जैसे कि स्ट्रेप्टोकोकस निमोने के कारण होता है। इस बैक्टीरिया के कारण शरीर कमजोर हो जाता है। पोषण की कमी, किसी प्रकार की बीमारी या बुढ़ापा आदि में बैक्टीरिया से ग्रस्त होने पर बैक्टीरियल निमोनिया हो सकता है। यह निमोनिया हर उम्र के इंसान को हो सकता है।
नजरअंदाज न करें : निमोनिया का समय पर उपचार न किया जाए, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। निमोनिया की वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि:
- दीर्घकालिक श्वसन रोग – निमोनिया के कारण फेफड़ों में सूजन हो सकती है जिससे दीर्घकालिक श्वसन समस्याएं हो सकती हैं।
- प्रतिरोधक क्षमता में कमी – बार-बार निमोनिया होने पर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।
- हृदय संबंधी समस्याएं – फेफड़ों में संक्रमण के कारण हृदय पर भी दबाव पड़ता है जो हृदय संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
- थकान और कमजोरी – शारीरिक थकान और ऊर्जा में कमी महसूस होना आम बात है।
घर पर निमोनिया का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
- घर पर निमोनिया का इलाज करना गंभीर स्थिति में अनुचित हो सकता है और यह डॉक्टर से परामर्श किए बिना नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन, हल्के लक्षणों में राहत के लिए कुछ घरेलू उपाय मदद कर सकते हैं। फिर आप कुछ चुनिंदा इलाज को ट्राई कर सकते हैं :
- शरीर को पर्याप्त आराम दें ताकि आपका इम्यून सिस्टम संक्रमण से लड़ सके।
- पानी, सूप, और हर्बल चाय जैसे तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में पिएं। इससे शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलेगी और बलगम पतला हो सकेगा।
- गर्म पानी की भाप लेने से फेफड़ों में जमा बलगम को पतला करने और सांस लेने में आसानी हो सकती है।
- हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसे गर्म दूध में मिलाकर पीने से लाभ मिल सकता है।
- निमोनिया एक गंभीर स्थिति हो सकती है। यदि लक्षण गंभीर हों या सांस लेने में कठिनाई हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। घरेलू उपाय प्राथमिक उपचार हो सकते हैं लेकिन पूर्ण इलाज डॉक्टर की देखरेख में ही होना चाहिए।
निमोनिया में क्या खाएं क्या नहीं खाएं
- दूध से बने और मीठे प्रोडक्ट्स जो कि फेफड़ों में कफ का कारण बनते हैं। -कोल्ड ड्रिंक्ल जिसमें शुगर तो होता ही बल्कि सोडियम भी होता है तो जो निमोनिया के खतरे को बढ़ाते हैं। सोडियम से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे नमकीन डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन करने से सांस की तकलीफ जैसे निमोनिया के लक्षण बढ़ सकते हैं।
- फल और सब्जियों के सेवन को बढ़ाएं क्योंकि यह इम्युनिटी को बढ़ाने के साथ-साथ विटामिन और मिनरल्स की खपत को भी बढ़ाते हैं।
- संतरे में विटामिन सी काफी ज्यादा मात्रा में होता है। ऐसे में हेल्दी रहने और किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए संतरे को जरूर खाना चाहिए मगर पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें अपनी मर्जी से न खाएं।
- निमोनिया में शराब न पिएं या अवैध दवाओं का सेवन न करें । शराब और अवैध दवाएं आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती हैं और निमोनिया की जटिलताओं का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
निमोनिया का टेस्ट कैसे होता है?
- फिजिकल एग्जामिनेशन या शारीरिक परीक्षण में निमोनिया के लक्षणों की पहचान की जाती है। जांच के लिए स्टेथोस्कोप का उपयोग कर छाती की जांच की जाती है।
- छाती का एक्स-रे निमोनिया के निदान की पुष्टि करने और फेफड़ों में संक्रमण का स्टेज और स्थान निर्धारित करने में मदद कर सकता है।
- थूक की जांच में मुंह में बनने वाले थूक की जांच की जाती है। इस टेस्ट में आपके थूक का सैंपल लिया जाता है और लैब में इसकी जांच की जाती है।
- संक्रमण के लक्षणों की जांच के लिए रक्त परीक्षण का उपयोग किया जा सकता है।
बच्चों में निमोनिया का घरेलू उपचार
- अपने बच्चे को जितना हो सके उतना आराम दें। इससे उनका शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार हो सकता है।
- अपने बच्चे को जितना हो सके उतना तरल पदार्थ पिलाएं। प्रयास करें कि कार्बोनेटिड ड्रिंक्स न दें उन्हें। हाइड्रेटेड रखने से बलगम कम बनता है।
- गर्म पानी से नहाने या गर्म पानी से भाप लेने से बलगम को ढीला करने और खांसी को कम करने में मदद मिलती है।
निमोनिया कितने दिनों में ठीक होता है?
निमोनिया के हल्के मामले लगभग 1-2 सप्ताह में ठीक हो सकते हैं, जबकि अधिक गंभीर मामलों में पूरी तरह से ठीक होने में कई सप्ताह से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है।
ये सावधानियां जरूर रखें
- बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है। निमोनिया से बचाव के लिए निम्न सावधानियों का पालन करें:
- बच्चों की स्वच्छता का ध्यान रखें।
- अपने खान-पान का विशेष ख्याल रखें और पौष्टिक भोजन लें।
- निमोनिया में नहाना जरूरी है क्योंकि हमेशा स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी जाती है। बुखार कम होने पर गुनगुने पानी से नहाएं और थकान को कम करें।
- ठंडी जगहों से बचें और पर्याप्त कपड़े पहनें।
- खांसी और सर्दी होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
- किसी भी गंभीर लक्षण होने पर देरी न करें और चिकित्सकीय सलाह लें।
वयस्कों के लिए उपचार
वयस्कों को निमोनिया के दौरान विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसके लिए निम्नलिखित सुझावों का पालन करें:
- शारीरिक और मानसिक तौर पर आराम करें।
- पौष्टिक आहार का सेवन करें जिसमें फलों, सब्जियों और पर्याप्त तरल पदार्थों का समावेश हो।
- घर के भीतर अधिक समय न बिताएं, ताजगी और स्वच्छता बनाए रखें।
निष्कर्ष : सर्दियों के मौसम में निमोनिया एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। उचित सावधानियां अपनाकर और समय पर चिकित्सकीय सहायता लेकर इससे बचा जा सकता है। अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और स्वस्थ रहें।
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