मध्य प्रदेश

Sanchi Milk News : राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा प्रदेश के सांची ब्रांड को और सशक्त किया जाएगा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

Special efforts will be made for animal husbandry and milk production in the state: CM Dr. Yadav

Sanchi brand will be further strengthened : राज्य सरकार ने प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुनी करने एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अत्यंत महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एम.पी. स्टेट को-ओपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड एवं संबद्ध दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के मध्य हुए इस अनुबंध की अवधि 5 वर्ष होगी, जिसका आपसी सहमति से विस्तार किया जा सकेगा। इसके तहत मुख्य रूप से प्रत्येक ग्राम पंचायत में कलेक्शन सेन्टर स्थापित किए जाएंगे, दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जायेगी और दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाई जायेगी। इन सबके परिणाम स्वरूप दुग्ध उत्पादकों की आय में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड एवं संबद्ध दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में रविवार को हुआ सहकार्यता अनुबंध (कोलैबोरेशन एग्रीमेंट) के निष्पादन से दुग्ध उत्पादन में क्रांति आएगी। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में यह एग्रीमेन्ट प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दूध की खरीद सुनिश्चित करने एवं सही कीमत दिलाने में मदद के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में कलेक्शन सेन्टर स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश में दुग्ध समितियों की संख्या 6 हजार है, जिसे बढ़ाकर 9 हजार किया जाएगा। एक दुग्ध समिति लगभग 1 से 3 गांव में दुग्ध संकलन करती है, 9 हजार दुग्ध समितियां के माध्यम से लगभग 18 हजार ग्रामों को कवर किया जा सकेगा। दुग्ध संकलन भी 10.50 लाख किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाएगा। इसके अतिरिक्त एनडीडीबी द्वारा दुग्ध उत्पादक संस्थाओं (एमपीओ) के माध्यम से कवर किए गए गांवों को 1390 से बढ़ाकर 2590 किया जाएगा तथा दूध की खरीद को 1.3 लाख से बढ़कर 3.7 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। साथ ही दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जायेगी। वर्तमान में डेयरी प्लांट की क्षमता 18 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। इस तरह अगले 5 सालों में लगभग 1500 करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। दुग्ध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय 1700 करोड़ रूपये से दोगुना कर 3500 करोड़ रूपये किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

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