अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा (Sarfira) शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। डायरेक्टर सुधा कोंगरा की फिल्म में अक्षय के साथ राधिका मदान, परेश रावल, सीमा बिस्वास लीड रोल में हैं। ‘पैडमैन’, ‘एयरलिफ्ट’, ‘रुस्तम’, ‘मिशन मंगल’, ‘केसरी’, ‘सम्राट पृथ्वीराज’ और ‘मिशन रानीगंज’ जैसी कई बायोपिक और सत्य घटनाओं से प्रेरित फिल्मों में चमकने वाले अक्षय कुमार अपनी दमदार परफॉर्मेंस से इस प्रेरणादायक और इमोशनल कहानी को जीवंत कर ले जाते हैं। अक्षय की यह फिल्म तमिल की ‘सोरारई पोटरु’ की रीमेक है, जिसमें सूर्या लीड रोल में थे। उन्हें इसके लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।
सुधा कोंगरा निर्देशित यह मूवी हिंदी में डब होकर ‘उड़ान’ नाम से आई, जो ‘अमेजान प्राइम वीडियो’ पर है. इसी पर फिल्म ‘सरफिरा’ बनी है, जिसका निर्देशन मूल तमिल फिल्म को डायरेक्टर सुधा कोंगारा ने ही किया है लेकिन अक्षय कुमार की हिंदी फिल्म ‘सरफिरा’ में कई झूठ हैं. पहली बात तो ‘सरफिरा’ यह नहीं कहती कि यह तमिल फिल्म ‘सुराराई पोटरु’का रीमेक है. ‘इसकी वजह है कि ‘सरफिरा’ में सिनेमाई छूट के नाम पर काफी बदलाव किए गए हैं. सच्ची घटनाओं पर आधरित फिल्म सिरफिरा’ कैप्टन गोपीचंद की बायोपिक फिल्म है. सिम्पली फ्लाई ए डेक्कन ओडिसी से प्रेरित है.
कौन हैं कैप्टन गोपीनाथः
असल जिंदगी में कैप्टन गोपीनाथ सरकारी सैनिक स्कूल में पढ़े, एनडीए की परीक्षा पास कर देहरादून की इंडियन मिलिट्री अकादमी में पढ़े और भारत-बांग्लादेश की लड़ाई के समय भारतीय फौज में रहे.नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने दुनिया भर के काम किए और अंत में आकर वियतनाम युद्ध के बाद वहां की एक युवती के कम पैसों वाली हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की कहानी से प्रेरित होकर एयर डेक्कन शुरू करने का सपना देखा था,जिसे पूरा करने में वह सफल हुए थे.पर अब डेक्कन एअर बंद हो चुकी हैं.
सरफिरा की कहानी
कहानी की शुरुआत एक रोमांचक ढंग से होती है, जहां पर वीर म्हात्रे (अक्षय कुमार) अपने दोस्त के साथ एक इमरजेंसी लैंडिंग करवाकर विमान दुर्घटना को टालने से रोकते हैं, मगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है। यहीं से कहानी फ्लैशबैक में जाती है, जहां वीर महाराष्ट्र के अंदरूनी गांव में स्कूल मास्टर का एक ऐसा बेटा है, जो हमेशा से क्रांतिकारी सोच रखता है। महंगे एयर टिकट के कारण अपने पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाया। बस यहीं से वह आम आदमी के लिए सस्ती एयरलाइन की शुरुआत करने का प्रण लेता है।
Sarfira Review : फिल्म की कहानी प्रेरणादायक है,मगर कई जगह कमजोर स्क्रिप्ट और एजेंडे को लेकर चलने की वजह से कुछ मार खा जाती है.फिल्मकार ने जातिगत भेदभाव के अलावा अमीरों की छोटी जाति के प्रति सोच को बहुत ही बेहतर तरीके से उकेरा है. कुछ संवाद अच्छे बन पड़े हैं,मगर जैज एअरलाइंस के मालिक परेश के संवाद फिल्म ‘हेरा फेरी’ से चुराए हुए लगते हैं.
Comments