शरीर के किसी भी हिस्से की बजाए ब्रेन के ट्यूमर का operation सबसे जटिल माना जाता है। यहां छोटी-सी चूक भी मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
अगर ट्यूमर ब्रेन के अंदरूनी हिस्से में हो तो वहां तक पहुंचना ही सबसे जटिल होता था। अब तक ब्रेन के सटीक आपरेशन के लिए न्यूरो नेविगेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि बहुत महंगी होती है। इतना बड़ा सेटअप लगा पाना सभी संस्थानों के लिए संभव नहीं है। ऐसे में एम्स भोपाल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. आदेश श्रीवास्तव ने ब्रेन के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचने के लिए थ्रीडी वर्चुअल रियलिटी तकनीक को ईजाद किया है। डॉ. श्रीवास्तव ने इस्तांबुल, तुर्किये में आयोजित पहली यासरगिल माइक्रो न्यूरोसर्जरी कांग्रेस में इस तकनीक का प्रदर्शन किया।
आठ सालों मे 176 मरीजों की हुई सफल सर्जरी : डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रेन एक जटिल संरचना होता है, जो कई परतों से घिरा रहता है। ब्रेन के हर एक हिस्से का अलग काम है। किसी भी हिस्से में थोड़ी-सी चोट से मरीज को गंभीर नुकसान हो सकता है। ऐसे में थ्रीडी वर्चुअल रियलिटी तकनीक में मरीज के पुराने सीटी एमआरआई इमेज के आधार पर एक वर्चुअल थ्रीडी रियालिटी इमेज तैयार की जाती है। इस इमेज को मरीज पर इंप्लांट कर ब्रेन ट्यूमर तक पहुंचने का वर्चुअल मार्ग तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि 2016 में इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार किया था। अब तक करीब 176 मरीजों का सफल उपचार किया जा चुका है।
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