Chhath puja: उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन हो गया। पारण के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास खत्म हो गया। छत्तीसगढ़ के घाटों पर तड़के से छठ व्रतियां पहुंचने लगीं थीं। व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। एक दूसरे को छठी मैया का प्रसाद खिलाकर व्रत खोला।
मनीषा रानी ने छठ पूजा का उड़ाया मजाक
Manisha Rani On Chhath Puja : मनीषा रानी ने इस बार छठ महापर्व पर सबको हैरान कर दिया है। मनीषा के नए लुक ने इंटरनेट पर बवाल मचा दिया है। मनीषा अपने हालिया पोस्ट के कारण चर्चाओं में आ गई हैं। मनीषा ने इस बार छठ पर जो तस्वीरें और वीडियोज पोस्ट किए हैं उन्हें देखने के बाद फैंस शॉक्ड हो गए हैं।
एक्ट्रेस ने खूबसूरत लाल और हरे रंग की साड़ी पहनी है और वह किसी शादीशुदा महिला की तरह दिखाई दे रही हैं। इतना ही नहीं मनीषा रानी छठ पूजा करते हुए भी नजर आ रही हैं। छठ पूजा में सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही घाट पर पूजा करती हैं। ऐसे में अब मनीषा रानी को ये सभी रस्में करते देख फैंस तरह तरह के सवाल कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि क्या मनीषा रानी ने चोरी-छिपे शादी कर ली है।
कोई भी कुंवारी कन्या इस व्रत का पालन नहीं करती और न ही बिना शादी किए इस तरह का कोई भी धार्मिक कृत्य नहीं करती फिर उनको कुछ लाइक पाने के लिए इतने बड़े पूजा का मजाक क्यों उड़ाया ये प्रश्न उठता है लेकिन क्या कर सकते हैं, लोगों को भी ये ही पसंद है तो करो लाइक।
उज्जैन में छठ पूजा की धूम रही
बड़ी संख्या में महिलाएं शिप्रा नदी और विक्रम सरोवर पर सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तड़के पांच बजे पहुंची। शिप्रा नदी के रामघाट पर महिलाएं सुबह उठकर स्नान-ध्यान कर पहुंची थी। सूर्योदय से पहले पहुंची व्रती ने पानी में उतरकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। जिसमें दूध और जलसे सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजन किया गया। भगवान सूर्य को प्रणाम कर वैदिक मंत्रों का जाप किया गया। उज्जैन के विक्रम सरोवर पर छट पूजन करने वाली महिलाओं से सीएम मोहन यादव वर्चुअली बातचीत करेंगे।
बलरामपुर में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने खोला व्रत
बलरामपुर में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व संपन्न हुआ। इस मौके पर रामानुजगंज कनहर नदी घाट पर बड़ी संख्या में छठव्रती शामिल हुईं। छठव्रतियों ने परिवार की खुशहाली, सुख-शांति के लिए छठ माई से कामना की।
कोंडागांव में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ व्रतियों ने तोड़ा निर्जला व्रत
कोंडागांव में छठ घाट पर बड़ी संख्या में छठ व्रती पहुंचीं।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रतियों ने अपना 36 घंटे से चल रहा निर्जला व्रत भी खोला। इस मौके पर प्रसाद वितरण भी किया गया।
बिलासपुर के अरपा घाट पर उमड़े श्रद्धालु
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ 36 घंटों के निर्जला व्रत की उपासना व्रतियों ने पूरा किया। बिलासपुर के अरपा घाट पर तड़के से श्रद्धालु जुटे हैं। हवन पूजन के बाद प्रसाद वितरण किया जा रहा है।
कार्तिक माह में छठ पूजा के दौरान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की विशेष महत्व
लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो चुका है. बिहार के सभी जिलों में तैयार विभिन्न घाटों पर एकटक से सूर्यदेव की प्रतिक्षा कर रहे छठ व्रतियों की आस्था को आशीर्वाद मिल चुका है. बात यदि बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले की करें, तो यहां भी सागर पोखरा और संत घाट जैसी जगहों पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।
छठ व्रत क्यों रखा जाता है?
सूर्य की उपासना करने से अच्छे स्वास्थ्य और निरोगी काया की प्राप्ति होती है। वहीं छठी मैया की पूजा करने से संतान को लंबी और सुखी जीवन मिलता है। छठ का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और जिनकी पहले से संतान है, उनकी संतान को लंबी आयु और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। साथ ही छठ का व्रत करने वाले व्यक्ति को धन्य-धान्य की प्राप्ति होती है और उसका जीवन सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहता है। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है।
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