मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अपने उज्जैन स्थित निवास से पूरे प्रदेश के संपर्क में हैं और अधिकारियों से निरंतर चर्चा कर रहे हैं। इस संबंध में ग्वालियर, धार और झाबुआ जिलों में हुई विभिन्न घटनाओं के संबंध में तीनों जिलों के कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा कर जानकारी प्राप्त करने में लगे हुए हैं साथ ही आम नागरिकों की राहत के लिए कलेक्टर को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं।
पिता के निधन के बाबजूद अपने राजधर्म के पालन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव
प्रदेश के मुख्यमंत्री के बीते दिनों उनके पिता जी का निधन होने के कारण वह अपने घर उज्जैन में ही है। यहां से भी वह पूरे प्रदेश के संपर्क में हैं और अधिकारियों से निरंतर चर्चा कर रहे हैं। बुधवार 4 सितंबर को पिता के अंतिम संस्कार के बाद उज्जैन स्थित निवास से उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में घटित घटनाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर नागरिकों के हित में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। नागरिकों विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट कर राजधर्म का पालन करते हुए प्रदेश की स्थिति पर नजर भी रखे हुए हैं। वे निरंतर प्रशासनिक अधिकारियों से दूरभाष पर चर्चा भी कर रहे हैं।
झाबुआ कलेक्टर के साथ साथ अन्य जिलों के कलेक्टर के लगातार संपर्क में हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर झाबुआ को निर्देश दिए कि दो बच्चियों के बह जाने से उनके परिवार को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाए। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो यह भी ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालि एयर कलेक्टर से चर्चा कर ट्रॉमा सेंटर की घटना की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इस संबंध में सतर्कता रखी जाए और समस्त स्टॉफ सजग रह कर अपना दायित्व निर्वहन करें।
धार जिले में डही विकासखंड के ग्राम बड़वानिया में जनजातीय बालक आश्रम परिसर में वर्षा जल भर जाने से विद्यार्थियों को हुए कष्ट के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ने बताया कि समय रहते हैं, बच्चों को बचाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसी घटनाओं का दोहराव न हो, इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां रखी जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिताश्री की पार्थिव देह पर सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने पुष्पचक्र अर्पित किये।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता श्री पूनम चंद यादव की अंतिम यात्रा में केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री डॉ. यादव को ढांढस बंधाया।
अपने पिताश्री के संस्मरण सुनाकर भावुक हुए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उनके पिता के निधन पर निज निवास पर जब आमजन मिलने पहुंचे तो वे पिता के संस्मरण सुनाकर भावुक हो गए। अपने पिताश्री की स्मृतियों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि पिताजी हमेशा आशीर्वाद के साथ एक नई सीख देते थे। वे अपना काम आखिरी समय तक स्वयं ही करते रहे। कोई मिलने आता तो वे कभी यह नहीं कहते थे कि मैं विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री का पिता हूं। ताउम्र वे सामान्य जीवन जीते रहे। जब मुख्यमंत्री निवास में जाते समय मैंने उनसे साथ चलने का आग्रह किया तो पिताजी ने कहा मैं तो यहीं पर अच्छा हूं।
मैं उनके लिए एक पुत्र था, न कि कोई राजनेता : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मैं उनके लिए एक पुत्र था, न कि कोई राजनेता। पिताश्री की स्मृतियों के साथ मां को भी याद कर वे भावुक हो गये और उन्होंने कहा कि पिताजी की तरह ही मां भी बेहद कर्मशील थीं। दोनों ने मुझे सदैव कर्मशील बने रहने की सीख दी और उनकी इसी सीख पर मैं अब तक अडिग होकर चला हूं और आगे भी चलता रहूंगा।
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