इंदौर के युगपुरुष धाम आश्रम में बच्चों की मौत अब तक रहस्य बनी हुई। बच्चों को चक्कर आने के बाद बेहोश हुए और जान चली गई है। बताया जा रहा है कि अब तक कुल पांच बच्चों की मौत हो चुकी है। अस्पताल में भर्ती कुछ बच्चों की हालत गंभीर है। इस पूरे मामले में आश्रम प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है।
खास बात यह है कि आश्रम में बच्चे मानसिक रूप से विकलांग थे। सबसे छोटा पीड़ित तीन साल का है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के दौरे के दौरान दो मौतें हुई. दोनों बच्चों को अस्पताल नहीं ले जाया गया था, हालांकि वे बीमार थे और तीन मौतें पहले ही हो चुकी थीं। एडीएम राजेंद्र रघुवंशी जब जांच के लिए गए थे तो एसडीएम आश्रम में थे। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि बच्चों की मौत कैसे हुई, लेकिन उनमें फूड पॉइजनिंग के लक्षण हैं।
इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं, एसडीएम (Indore SDM) को हटा दिया गया है.सीएम डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि इस दुखद घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है और जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इंदौर के अनाथ आश्रम के चार मासूम बच्चों के असामयिक निधन का समाचार ह्रदय विदारक है. मैं बाबा महाकाल से दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करने तथा गंभीर रूप से बीमार सभी बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. इस दुखद घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है तथा मल्हारगंज एसडीएम को उनके असंवेदनशील व्यवहार के लिए पद से हटा दिया गया है.
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने चाचा नेहरू हॉस्पिटल पहुंचकर उपचाररत बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा चिकित्सकों से बातचीत की। संपूर्ण घटनाक्रम की विस्तृत जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है। समिति में अपर कलेक्टर श्री गौरव बेनल, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास डॉ. संध्या व्यास, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की अधीक्षक एवं शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीति मालपानी तथा वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीलेखा जोशी को शामिल किया गया है। इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने मल्हारगंज क्षेत्र के एसडीएम श्री ओम नारायण सिंह बडकुल को एसडीएम पद से हटाते हुए उन्हें जिला निर्वाचन कार्यालय में अटैच किया है।
Comments