मकर संक्रांति 2025 मुहूर्त : मकर संक्रांति इस साल 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त 14 जनवरी की सुबह 09:03 से शाम 05:46 बजे तक रहेगा। महा पुण्य काल समय सुबह 09:03 से सुबह 10:48 बजे तक रहेगा। इसलिए इसे उत्तरायण संक्रांति भी कहते हैं।
महाराज राजेंद्र जी महाराज के अनुसार इस बार की मकर संक्रांति विशेष मुहूर्त में पड़ रही है देखें विडियो
वीडियो साभार : श्री राजेंद्रदास जी महाराज यूट्यूब चैनल
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सूर्य देव जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। सूर्य देव अमूमन 14 या 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है।
मकर संक्रांति का महत्व क्या है?
हमारे वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं, क्योंकि हमारा सूर्य हर माह राशि बदलता है और जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसी कारण मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। संक्रांति के दिन देवताओं की रात्रि समाप्त होती है, और दिन का आरंभ होता है, जिसे उत्तरायण और दक्षिणायन कहा जाता है।
मकर संक्रांति भारत के अन्य प्रदेशों में
मकर संक्रांति भारत में कई नामों से जानी जाती है। इसे आंध्र प्रदेश में पेद्दा पंडुगा’/’मकर संक्रांति, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र में मकर संक्रांति, तमिलनाडु में पोंगल, असम में माघ बिहू, मध्य और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में माघ मेला, पश्चिम में मकर संक्रांति, केरल में मकर संक्रांति या शंकरांति और अन्य नामों से जाना जाता है।
मकर संक्रांति 2025 का धार्मिक महत्व
वैसे तो हमारे हिन्दू धर्म है त्यौहार का कुछ न कुछ विशेष महत्व होता है उसी तरह मकर संक्रांति का भी विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति 2025 के दिन दान-पुण्य और सूर्य को अर्घ्य देने पर पुण्य लाभ और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के त्योहार को असम में बिहू के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इस दिन किसान फसल की कटाई करते हैं।
मकर संक्रांति की कथा story of makar sankranti
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार पिता सूर्य देव से शनि देव के संबंध अच्छे नहीं थे। शनि के श्राप से जब सूर्य कुष्ठ रोग से पीडित हो गए तब उन्होंने अपने तेज से शनि और उनकी माता छाया का घर कुंभ जला दिया था। फिर उन्होंने इस बाद का पछतावा हुआ और शनि देव को दूसर घर प्रदान किया मकर। देवी पुराण में बताया गया है कि सूर्य देव जब पहली बार अपने पुत्र शनि देव से मिलने गए थे, तब शनि देव ने उनको काला तिल भेंट किया था और उससे ही उनकी पूजा की थी। इससे सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न हुए थे. सूर्य ने शनि को आशीष दिया कि जब वे उनके घर मकर राशि में आएंगे, तो उनका घर धन-धान्य से भर जाएगा। तभी से मकर संक्रांति मनाई जाती है।
मकर संक्रांति में कौन से भगवान की पूजा करते हैं?
हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन लोग भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। मकर संक्रांति के मौके पर बर्तन में पानी, सिंदूर, लाल फूल और तिल मिलाकर सूर्य उदय होने पर अर्घ्य दें। सूर्य को जल देने से सूर्य हमें तेज देता हैं, हमें नई ऊर्जा प्रदान करता है। इस दिन हमारे कुल देवता की भी पूजा की जाती है। मकर संक्रांति के दिन शिवजी की पूजा का भी विशेष महत्व है इस दिन शिवलिंग पर तिल और गुड़, दही इत्यादि अर्पण भी किया जाता है।
मकर संक्रांति पर काले तिल के दान का महत्व
मकर संक्रांति के दिन स्नान के पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करना बहुत शुभ होता है. इस दिन काले तिल का दान करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है।
मकर संक्रांति पर भारतीय बैंकों की रहेगी छुट्टी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) हर साल छुट्टियों का कैलेंडर जारी करता है और इसके अनुसार, 13 जनवरी (लोहड़ी) को बैंक खुले रहेंगे, लेकिन मकर संक्रांति (14 जनवरी) को बंद रहेंगे ।
मकर संक्रांति पर क्या करें और क्या न करें
ये जरूर करें :
1. सूर्यदेव को अर्घ्य देने से पहले जल में लाल फूल और तिल डालें और फिर अर्पित करें। ऐसा करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।
2. सूर्य देव को खिचड़ी और तिल-गुड़ का प्रसाद अर्पित करना शुभ माना जाता है, फिर उसे दूसरों में बांटें।
3. मकर संक्रांति के दिन गरीबों को भोजन, कपड़े और धन दान करना अत्यधिक पुण्यदायक होता है।
ये न करें :
1. मकर संक्रांति पर मांस, लहसुन, प्याज आदि खाने से बचना चाहिए । मकर संक्रांति पर केवल सात्विक भोजन ही खाना चाहिए।
2. मकर संक्रांति के दिन गलती से भी स्नान किए बिना भोजन ग्रहण न करें।
3. तामसिक भोजन या शराब का सेवन करने से बचें।
मकर संक्रांति पर क्या दान करें : इस दिन तिल, कंबल, लाल कपड़ा, लाल मिठाई, मूंगफली, चावल, मूंग की दाल की खिचड़ी, गुड़ और काली उड़द की दाल का दान करने से शनि, राहु-केतु, सूर्य की शुभता मिलती है।
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