स्टॉक मार्किट

How does stop order work : जब अधिकतर ट्रेडर्स एक ही दिशा में स्टॉप लॉस लगाते हैं, तो मार्केट उस तरफ जाने की प्रवृत्ति क्यों रखता है?

Stop loss in stock market: स्टॉप लॉस क्यों लगाया जाता है?


किसी भी शेयर में निवेश करने के लिए Stop Loss लगाना बहुत जरुरी है. इससे आपको नुकसान होने की संभवाना को कम किया जा सकता। जब कोई निवेशक/व्यापारी स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने का विकल्प चुनता है, तो वह एक विशिष्ट मूल्य (स्टॉप प्राइस) चुनता है जिस पर ऑर्डर ट्रिगर होगा।

उदाहरण के लिए, यदि आप 500 रुपये में एक स्टॉक खरीदते हैं और 460 रुपये पर एक स्टॉप-लॉस ट्रिगर मूल्य सेट करते हैं, तो स्टॉक के मूल्य के 460 रुपये या उससे नीचे गिरने पर स्टॉप-लॉस ऑर्डर सक्रिय हो जाता है। इसे ट्रिगर प्राइस कहा जाता है। लेकिन वहीं स्टॉप लॉस काम नहीं करता जब यदि बाजार आपके स्टॉप-लॉस मूल्य तक नहीं पहुंचा, तो ऑर्डर निष्पादित नहीं होगा ।

स्टॉप लॉस हिट होने के पीछे कई कारण होते हैं:

स्टॉप लॉस हंटिंग (Stop Loss Hunting) : बड़े संस्थागत निवेशक (FIIs, DIIs) और मार्केट मेकर जानते हैं कि रिटेल ट्रेडर्स कहां स्टॉप लॉस लगाते हैं। वे जानबूझकर उन स्तरों तक प्राइस को मूव करवाते हैं ताकि स्टॉप लॉस ट्रिगर हो जाए और वे अपनी पोजिशन बेहतर कीमत पर ले सकें।

लिक्विडिटी (Liquidity Grab) : स्टॉप लॉस आमतौर पर बाय स्टॉप (शॉर्ट सेलर्स के लिए) या सेल स्टॉप (लॉन्ग ट्रेडर्स के लिए) के रूप में काम करता है। जब ये ऑर्डर ट्रिगर होते हैं, तो मार्केट में बड़ी मात्रा में लिक्विडिटी आती है, जिससे बड़े खिलाड़ी अपनी पोजिशन एंट्री या एग्जिट कर सकते हैं।

मार्केट मेकर्स की स्ट्रेटेजी : मार्केट मेकर्स को अपने व्यापार के लिए वॉल्यूम चाहिए होता है। वे आमतौर पर प्राइस को ऐसे स्तरों पर ले जाते हैं जहां अधिकतम स्टॉप लॉस मौजूद होते हैं, जिससे अधिकतर रिटेल ट्रेडर्स का नुकसान और उनकी खुद की पोजिशनिंग मजबूत होती है।

मार्केट साइकोलॉजी (Market Psychology) : अधिकतर ट्रेडर्स समान टेक्निकल पैटर्न और इंडिकेटर्स पर भरोसा करते हैं, जिससे वे एक ही स्थान पर स्टॉप लॉस लगाते हैं। यह क्लस्टरिंग मार्केट को प्रीडिक्टेबल बना देती है, और बड़े प्लेयर्स इस डेटा का फायदा उठाकर उन स्तरों तक मार्केट को ले जाते हैं।

फोर्स्ड लिक्विडेशन (Forced Liquidation) : जब एक तरफ बहुत सारे स्टॉप लॉस हिट होते हैं, तो वह चेन रिएक्शन पैदा करता है, जिससे तेजी से और ज्यादा मूवमेंट आती है। यह तेजी से मार्केट को उस दिशा में धकेलता है जहां स्टॉप लॉस अधिक होते हैं।

स्टॉप लॉस हिट होने से कैसे बचें?

  • हम जिस तरफ स्टॉप लॉस लगते हैं ज्यादातर मार्केट उसी तरफ भागता है इससे बचने के लिए बहुत स्पष्ट सपोर्ट/रेसिस्टेंस लेवल से थोड़ा दूर सेट करें।
  • बड़े खिलाड़ियों की रणनीति को समझकर फेक आउट से बचें।
  • लिक्विडिटी जोन को समझकर ट्रेड करें।
  • हिडन स्टॉप लॉस टेक्निक्स अपनाएं, जैसे कि मैनुअल एक्सिट स्ट्रेटेजी।

निष्कर्ष: बड़े संस्थागत निवेशक और मार्केट मेकर्स लिक्विडिटी की तलाश में होते हैं। इसलिए वे जानबूझकर उन स्तरों पर मार्केट को मूव करवाते हैं जहां अधिकतम स्टॉप लॉस मौजूद होते हैं। इसीलिए, समझदारी से स्टॉप लॉस लगाना और भीड़ से हटकर ट्रेड करना ज़रूरी है।

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