पेरेंटिंग

घर से बाहर होने पर माता पिता अपने बच्चों का ख़्याल कैसे रखें

घर पर बच्चों को अकेला छोड़ने से पहले ध्यान दे

How parents can ensure their children’s safety and care while they are away

माता पिता हर जगह बच्चों को अपने साथ ले जाना संभव नहीं होता, पर उन्हें घर पर अकेला छोड़ने में भी डर लगता है। इस स्थिति में उन्हें बचाव के कुछ टिप्स सिखाएं ताकि वे स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सके।

अनहोनी से बचने के लिए बच्चों को इमरजेंसी नंबर याद कराएं

ईश्वर न करें हमारे बच्चों पर कोई मुसीबत आए हर मां बाप यही दुआ मांगता है। मगर मुसीबत बोल कर नहीं आती, बच्चों को मुसीबत से बचने के लिए या आपातकालीन स्थिति में बचने के लिए बच्चों को अपने मां-पापा के फोन नंबर के अलावा पड़ोसियों के नंबर और खास तौर पर कुछ आपातकालीन जैसे एंबुलेंस, पुलिस, फायर बिग्रेड आदि नंबर भी याद होने चाहिए। इसके लिए चाहें तो एक फोन बुक भी उनके साथ घर पर रख सकते हैं। उन्हें सिखाएं कि किसी भी विषम स्थिति में कॉल करने के लिए फोन अथवा मोबाइल का उपयोग कैसे करें।

Children’s safety and care Top Tips

अनजान व्यक्ति से दूर रहें

बच्चों को सिखाएं कि किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें। सिखाएं कि कभी अजनबियों के लिए दरवाजा ना खोलें, किसी अनजान नंबरसे आए कॉल को न उठाएं, फोन पर या ऑनलाइन किसी को यह न बताएं कि वे घर पर अकेले हैं।

घर से अकेले न निकलें

बच्चों को बताएं कि वो अकेले घर से बाहर न निकलें। न कि किसी के साथ बिना माता पिता की परमिशन या अनुमति के न जाएं। किसी भी व्यक्ति से अपने घर के दरवाजे के अंदर से बात करें, किसी भी अनजान व्यक्ति के लिए दरवाजा न खोलें।

इलेक्ट्रॉनिक समान से दूर रहें या सावधान रहें

यदि आपके बच्चे छोटे हैं तो उनको सिखाएं कि किन चीजों से दूर रहना है। छोटे बच्चों के लिए स्टोव, ओवन वा अन्य उपकरण उनके लिए खतरनाक हो सकते हैं, बच्चों से कह कर जाएं कि वो उन इलेक्ट्रॉनिक्स समानों का उपयोग न करें। ये नियम आप बच्चों की उम्र के अनुसार अलग-अलग तय कर सकते हैं।

घर पर ही मनोरंजन की व्यवस्था करें

बाहर जाते समय बच्चा अकेले बोर न हो इसके लिए उसके मनोरंजन की व्यवस्था करके जाएं। ध्यान रहे, घर पर एक फोन या फिर टेलीफोन होना जरूरी है। इसके अलावा किताबें, खिलौने, म्यूजिक प्लेयर या टीवी आदि भी बच्चों को मुहैया कराएं ताकि वे व्यस्त रहने के साथ अधिक सुरक्षित भी रहें।

बच्चों के लिए खाने की व्यवस्था करें

छोटे बच्चों को अकेले में करने के लिए कुछ नहीं होता इसलिए उन्हें भूख का अहसास जल्दी होने लगता है। इस स्थिति में आप का फ़र्ज़ है कि बच्चों के लिए नाश्ते के विकल्प तैयार करके जाएं। जिसके लिए उन्हें गैस जलाने की जरूरत न हो। फ्रिज और स्टोर में ताजे व पहले से बने हुए फल, सैंडविच आदि रखें। बच्चे बड़े हैं तो सुनिश्चित करें कि जरूरत पड़ने पर उन्हें गैस या माइक्रोवेव का सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करना आता हो।

बच्चों से थोड़ी थोड़ी देर में बात करते रहें

जब हम माता पिता कहीं बाहर बिना बच्चों के जाते हैं तो ही।को निश्चिंत नहीं हो जाना है। आपको ड्यूटी बनती है कि आप बच्चों को समय-समय पर फोन करते रहें। उनसे पूछते भी रहें कि वो क्या कर रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो जाए। अगर आने में देर हो रही हो तो भी उसे बता दें ताकि वो परेशान ना हो।

CCTV या मॉनिटरिंग डिवाइस का उपयोग करें

यदि आप घर से बाहर हैं तो आप अपने बच्चों पर नजर रखने के लिए स्मार्ट कैमरा या वीडियो कॉलिंग का उपयोग कर सकते हैं।

अभी तक हमने जो भी सीखा उसको संक्षेप में यहां एक बार याद कर लेते हैं कि यदि माता-पिता को कुछ देर के लिए घर से बाहर जाना हो और बच्चे घर पर अकेले हों, तो निम्न सावधानियाँ रखनी चाहिए:

माता-पिता द्वारा बरती जाने वाली सावधानियाँ:

  • छोटे बच्चों को कभी अकेला न छोड़ें।
  • सुनिश्चित करें कि सभी दरवाजे और खिड़कियाँ ठीक से बंद हों।
  • बच्चों को पुलिस, फायर ब्रिगेड, डॉक्टर और आपके फोन नंबर याद करवाएँ या कहीं लिखकर दें।
  • स्मार्ट कैमरा या वीडियो कॉलिंग से बच्चों पर नजर रख सकते हैं।
  • गैस, बिजली के उपकरण और अन्य खतरनाक चीजें बंद करके जाएँ।

यदि आप घर से बाहर जा रहे हैं तो बच्चों को क्या सिखाना चाहिए:

  • किसी अनजान व्यक्ति को घर में न आने दें और दरवाजा न खोलें।
  • माता-पिता के फोन नंबर और अन्य जरूरी संपर्क नंबर याद रखें, जरूरत पड़ने पर तुरंत कॉल करें।
  • किसी अप्रत्याशित घटना में (जैसे आग, दुर्घटना) तुरंत बाहर निकलें और मदद माँगें।
  • केवल खेलने या पढ़ने में समय बिताएँ।
  • बड़े बच्चों को छोटे बच्चों का ख्याल रखने की जिम्मेदारी दें।

घर से बाहर से बच्चों का ख्याल रखने के तरीके:

  • समय-समय पर वीडियो कॉल करके बच्चों से बात करें।
  • किसी को पास में मौजूद रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर वे तुरंत मदद कर सकें।
  • बच्चों को बताकर जाएँ कि कितनी देर में आप वापस लौटेंगे और अपने लौटने का समय निश्चित रखें।
  • बच्चों को कोई छोटा काम दें, जैसे होमवर्क करना या किताब पढ़ना ताकि वे व्यस्त रहें।
  • बच्चों को भरोसा दिलाएँ कि आप उनके संपर्क में हैं और कोई खतरा नहीं है।

तो, बच्चों को अकेले छोड़ने की स्थिति में सावधानीपूर्वक योजना बनानी चाहिए। उन्हें सुरक्षित रहना और समस्या से निपटना सिखाने के साथ-साथ माता-पिता को भी उनके संपर्क में बने रहना चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

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