टेलीविज़न बॉलीवुड मूवी

Kalki 2898 AD Movie Review

कलाकार: प्रभास, दीपिका पादुकोण, दिशा पाटनी, अमिताभ बच्चन और कमल हासन

प्रभास, दीपिका पादुकोण, दिशा पाटनी, अमिताभ बच्चन और कमल हासन की कल्कि 2898 एडी रिलीज हो गई है. फिल्म को साउथ के जाने-माने डायरेक्टर नाग अश्विन ने डायरेक्ट किया है. कल्कि की कहानी ऐसे दौर की है जब दुनिया पूरी तरह से उलट-पलट गई है.

इस फिल्म दीपिका पादुकोण को सभी तलाश रहे हैं मगर सबसे उद्देश्य अलग हैं। फिल्म में दीपिका पादुकोण के ज़रिये इस उम्मीद की किरण के रक्षक बनते हैं, अमिताभ बच्चन. वहीं कमल हासन को दीपिका पादुकोण की तलाश है. प्रभास बने हैं बाउंटी हंटर उन्हें भी दीपिका चाहिए, लेकिन अपने फायदे के लिए. दीपिका पादुकोण का जो रोल है, उसे कोई भी अदाकारा बिल्कुल ऐसे ही निभाती. कमल हासन को फुल फॉर्म में देखने के लिए कल्कि 2 का इंतजार करना पड़ेगा.

डायरेक्टर ने पूरी कोशिश की है दर्शकों को ऐसी दुनिया दिखा सकें जो भारतीय सिनेमा में कम ही देखने को मिली है. लेकिन यहीं पेंच फंस जाता है. ये दुनिया हॉलीवुड और बॉलीवुड की कई फिल्मों से प्रेरित लगती है. यह दुनिया उधार की नजर आती है और यह उधार लिया गया है, पद्मावत से, मैड मैक्स से, ट्रांसफॉर्मर्स से, अवेंजर्स से, अवतार से और ऐसी ही कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों से इस तरह.

फिल्म में अभिनेता प्रभास मुख्य भूमिका में हैं और अमिताभ बच्चन, कमल हासन, दीपिका पादुकोण, दिशा पाटनी और ब्रह्मानंदम प्रमुख भूमिकाओं में शामिल हैं। कल्कि 2898 एडी कथित तौर पर ₹600 करोड़ के अनुमानित बजट पर बनाई जा रही है। जुलाई 2021 में हैदराबाद के रामोजी फिल्म सिटी में एक भविष्यवादी सेट पर फिल्मांकन शुरू हुआ और अगले तीन वर्षों में कई चरणों में जारी रहा, अंततः मार्च 2024 में समाप्त हुआ। ₹600 करोड़ के उत्पादन बजट पर बनी, कल्कि भारतीय फिल्मों में से एक सबसे महंगी फिल्म है।

साल 2898 की काशी की कहानी है। दुनिया में बस यही एक शहर बचा है। काशी की रचना ही नगरों के विकास के क्रम में सबसे पहले हुई। काशी का कोतवाल, भैरव को माना जाता है। लेखक, निर्देशक नाग अश्विन के कल्कि सिनेमैटिक यूनिवर्स की पहली फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ का नायक भी भैरव ही है। दक्षिण में नामों के उच्चारण के समय अंतिम शब्द को दीर्घ स्वरूप में बोलने के चलते यहां वह भैरवा है। ये उन दिनों की काशी है जब गंगा में पानी नहीं है। हवा में ऑक्सीजन नहीं है। और, बरसों से किसी ने पानी बरसते देखा नहीं है। कहानी मुद्दे पर आने से पहले लंबा घूमती है। भैरव और बुज्जी की ट्यूनिंग समझाती कहानी में कुल तीन तरह की दुनिया हैं। एक कॉम्पेल्क्स जिसका संचालन सुप्रीम यास्किन के पास है। वह गर्भवती स्त्रियों के भ्रूण से मज्जा निकालकर खुद को जीवित रखे हुए है। काशी में भैरव की लंपटई चल रही है। इसके अलावा मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की ब्लैक पैंथर वाली कहानी की वकांडा जैसी एक दुनिया भी यहां है। तकनीकी रूप से विकसित और बाकी दुनिया की नजरों से छिपी हुई। इसी जगह आकर कहानी अपने यौवन पर आती है और फिल्म के अगले हिस्से के लिए एक बड़ा सूत्र भी छोड़ जाती है, जहां ‘अवतार’ की मां का दुश्मन ही अब मां का रक्षक बनने वाला है।

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