असदुद्दीन ओवैसी ने संसद सदस्यता की शपथ लेने के बाद सदन में नारे लगाने के लिए अब नए लागू किए गए इन नियम के मुताबिक, अब भविष्य में शपथ लेने वाले निर्वाचित सांसदों को संविधान के अंतर्गत शपथ के प्रारूप के अनुसार ही शपथ लेना होगा। अब सांसद शपथ लेते समय ना तो नारे लगा पाएंगे और ना ही अपने शपथ में कोई और शब्द जोड़ पाएंगे। लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश के मुताबिक, लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों (17वें संस्करण) के नियम 389 में बदलाव कर दिया गया है।
नियम 389 के निर्देश-1 में खंड-2 के बाद अब एक नया खंड-3 जोड़ा गया है। इसके मुताबिक, एक सदस्य भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में इस उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रपत्र के अनुसार ही शपथ लेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा। शपथ के साथ उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में कोई भी टिप्पणी या किसी भी अन्य शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करेगा।
क्या था विवाद
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने संसद सदस्यता की शपथ लेने के बाद सदन में जय भीम, जय तेलंगाना और जय फिलिस्तीन का नारा लगा कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया था। इस पर विवाद बढ़ने के बाद अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों के शपथ ग्रहण को लेकर नियम को बदलते हुए इसे और ज्यादा कठोर बना दिया है।
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