रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त : इस वर्ष 19 अगस्त, सोमवार को रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 5 बजकर 53 मिनट से आरंभ हो जाएगी, जो दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन के दिन दोपहर 1:30 बजे के बाद से रात 12:28 बजे तक राखी बांधना शुभ रहेगा। दोपहर 1:25 बजे के बाद का समय सुरक्षित और शुभ है। किसी किसी स्थान पर राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर दो बजे से रात्रि नौ बजे तक ही है।
भाई-बहन के इस पर्व पर आकर्षक राखियों से सजा बाजार
Rakhi shubh muhurat 2024 : रक्षाबंधन का त्योहार सोमवार को मनाया जाएगा। जिसको लेकर आज रविवार को पूरा बाजार खुला रहा , राखियो की दुकानों के अलावा मिठाई , रुमाल, नारियल ,कपड़ों की दुकाने खुली रही । रक्षा बंधन के त्योहार को लेकर रंग-बिरंगी और आकर्षक राखियों से बाजार सजा हुआ है। महिलाओं में रक्षा बंधन को लेकर उत्साह है। भाई-बहन के इस पर्व के लिए बहनें अपने भाइयों के लिए राखी खरीद रही है।
महंगाई के बावजूद बहनें खरीद रही हैं राखियां
इस बार राखियो पर महंगाई का असर देखने को मिला। राखियों की कीमत में 5 से 10% तक की वृद्धि देखने को मिली। बाजार में स्टोन की राखियों की खूब हो रही बिक्री बाजार में ऐसे कई तरह के राखियां है। बाजार में आकर्षक राखियों की मांग सबसे अधिक है। महंगाई के बावजूद बाजार में स्टोन, जरकन और मेटल की राखी, कलावा के साथ रुद्राक्ष के अलावा कई तरह की फैंसी राखी मांग ज्यादा है। शहर के मुख्य बाजार के अलावा गली मोहल्ले में राखियों की दुकानें लगी हुई है।
इस बार राखियां कुछ महंगी आई है। लेकिन उसका ज्यादा असर नहीं है। महिलाएं अपने भैया के लिए राखियां लेकर जा रही है। उन्होंने बताया कि 20 से ₹50 तक की नग वाली राखियों की ज्यादा मांग है। महिलाएं उन्हें ज्यादा पसंद कर रही हैं।
बाजार में चांदी की राखियों की काफी डिमांड
शादी के बाद पहली बार महिला अपने भाई की कलाई पर चांदी की राखी बांधती है। जिसे लेकर चांदी की राखियों की काफी डिमांड है। रितेश जैन ने बताया कि इस बार चांदी की रखियों के साथ रुद्राक्ष वाली राखियों की मांग ज्यादा रही है। वही छोटे भाइयों के लिए बहने गिफ्ट पैक लेकर जा रही हैं।
अयोध्या में मिल रही है राम’ नाम वाली राखी
इस वर्ष अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के चलते सबसे अधिक मांग ‘राम’ नाम वाली राखी की है। रक्षाबंधन पर बहनें भाई की कलाई पर ‘राम रक्षा सूत्र’ बांधेंगी। इसके अलावा बारीक स्टोन मेटल, चांदी की अमरिकन डायमंड राखियां भी नई है। इनकी कीमत 500 से लेकर 1000 रुपए के बीच है। महिलाओं की कड़ा और चूड़ा राखी 30 से 250 रुपए के बीच बिक रही है।
मैं लाड़ली बहनों का मुख्यमंत्री नहीं मुख्य सेवक हूं :मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज लाड़ली बहना रक्षाबंधन पर्व के कार्यक्रम के तहत उज्जैन के होटल सॉलिटेयर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को लाड़ली बहनों ने कलाई पर राखी बांधकर आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाड़ली बहनों पर पुष्प-वर्षा की और उन्हें स्नेहपूर्वक झूला झुलाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मैं लाड़ली बहनों का मुख्यमंत्री नहीं मुख्य सेवक हूं। बहनों से ही सम्पूर्ण परिवार की खुशहाली होती है और बहनें परिवार की समृद्धता का प्रतीक होती हैं।
रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं इसके पीछे क्या कहानी है?
भाई और बहन के प्यार का बंधन है रक्षाबंधन। इस दिन बहन भाई को राखी बांधती है और भाई बहन को उपहार देता है और जीवनभर बहन की रक्षा करने का वचन भी देता है। रक्षाबंधन मानने के पीछे कई कारण हैं मगर हम यहां विशेष रूप से दो कारण बता रहे हैं।
रक्षाबंधन विशेष कहानी :
कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तो उनकी अंगुली चोटिल हो गई। उससे रक्त बहने लगा, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनकी अंगुली पर बांध दिया। बाद में द्रौपदी चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने भाई होने का कर्तव्य निभाते हुए द्रौपदी के मान-सम्मान की रक्षा की। इसके बाद ही यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक बन गया।
माता लक्ष्मी और राजा बलि की कहानी
रक्षाबंधन की एक अन्य कहानी के अनुसार वामन अवतार के समय भगवान विष्णु (वामन भगवान) बलि की दानवीरता से बहुत प्रसन्न हुए और पाताल लोक का राज दे दिया। इसके साथ उन्होंने बलि से वरदान मांगने के लिए कहा। इस पर बलि ने उन्हें अपने साथ पाताल लोक में रहने के लिए प्रार्थना की। इसके बाद माता लक्ष्मी पाताल लोक गई और बलि को रक्षा सूत्र बांधा और भाई बना लिया। इसके बदले विष्णु जी को वरदान से मुक्त कराया, बाद ही भगवान विष्णु फिर अपने धाम वैकुंठ लौट आए।
Comments