RBI Monetary Policy Meeting Updates : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा है। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं। हालांकि बैंक अपनी तरफ से हर बार कुछ न कुछ दर फिर भी बढ़ा देती है। जिस पर रोक लगनी चाहिए। जब आर बी आई द्वारा दर नही बड़ाई गई तो बैंक अपनी तरफ से लोन पर ब्याज दर क्यों बढ़ा देती है।
7 अक्टूबर से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज, यानी बुधवार को दी। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है। RBI ने इससे पहले अगस्त में हुई बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया था।
RBI Monetary Policy Meeting Updates
- RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, 6.5% पर स्थिर
- MPC के 6 में से 5 सदस्यों का दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट
- MPC ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रुख बदलकर ‘न्यूट्रल’ किया
- दूसरी तिमाही में GDP और महंगाई के अनुमान घटाए
- अनसिक्योर्ड लोन पर कड़ी नजर
- NBFC में अनाप-शनाप ग्रोथ पर जताई चिंता और किया आगाह
- नॉन बिजनेस फ्लोटिंग लोन प्रीपेमेंट पर पेनल्टी नहीं
- FY25 GDP ग्रोथ अनुमान 7.2%, CPI अनुमान 4.5% पर कायम
- Q3, Q4FY25 GDP अनुमान बढ़ाकर 7.4% किए
- Q4FY25 CPI अनुमान 4.3% से घटाकर 4.2%
गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा?
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Review) प्रस्तुत करते हुए कहा, “वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद मौद्रिक नीति महंगाई को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने में सफल रही है।
खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आएगी
उन्होंने कहा, ‘बेहतर मानसून, पर्याप्त बफर स्टॉक की वजह से इस साल आगे खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आएगी. महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े अर्थव्यवस्था में मजबूत गतिविधियों के संकेत दे रहे हैं, बुनियाद मजबूत बनी हुई है. सकल घरेलू उत्पाद में निवेश का हिस्सा 2012-13 से सबसे ऊंचे स्तर पर है. मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर को यथावत रखने के पक्ष में 5:1 से फैसला किया.
Repo Rate का EMI पर असर
RBI की MPC की बैठक हर दो महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलावों (Rule Changes) पर चर्चा करते हैं. यहां बता दें कि रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है. दरअसल, रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.
2020 से रिजर्व बैंक ने 5 बार में 1.10% ब्याज दरें बढ़ाईं
RBI ने कोरोना के दौरान (27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर 2020) दो बार ब्याज दरों में 0.40% की कटौती की। इसके बाद अगली 10 मीटिंग्स में सेंट्रल बैंक ने 5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, चार बार कोई बदलाव नहीं किया और एक बार अगस्त 2022 में 0.50% की कटौती की। कोविड से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो रेट 5.15% पर था।
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