Scalping strategy in the stock market : ट्रेडिंग तो अपने सुनी ही होगी, अधिकतर लोग ट्रेडिंग करते है चाहे हो बिजनेस मैन हो या नौकरीपेशा वाले लोग। मगर ट्रेडिंग में कई बार बहुत ज्यादा ज्यादा समय लग जाता है, वहीं यदि कम समय में ज्यादा पैसा कमाया जा सकता हो तो हम स्केलपिंग ट्रेडिंग को करना होता है। अब प्रश्न यह है कि स्केलिंग ट्रेडिंग क्या है और इसे कैसे किया जाता है जिससे पैसे कमाए जा सके और वो भी बहुत कम समय में।
तो चलिए जानते हैं कि स्केलिंग ट्रेडिंग क्या है?
Scalping trading एक ट्रेडिंग रणनीति है, जिसमें ट्रेडर बहुत ही कम समय के लिए शेयर, कमोडिटी, या किसी अन्य वित्तीय संपत्ति को खरीदते और बेचते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे-छोटे प्रॉफिट को बार-बार कमाना होता है। यह रणनीति तेज़ी से मार्केट मूवमेंट पर आधारित होती है। मगर हमेशा याद रखिए स्कैल्प कारोबार को अनुशासन, निर्णायकता, और सहनशक्ति की आवश्यकता है।
Scalping Trading की विशेषताएँ:
बहुत कम समय: इसमें ट्रेड बहुत कम समय (कुछ सेकंड या मिनट) के लिए किया जाता है। स्केलपर्स एक बड़े लाभ के इंतजार की तुलना में एक छोटी सी अवधि के भीतर कई लाभ अवसर बनाने में विश्वास रखते हैं।
छोटा इनाम बड़ा फायदा : हर ट्रेड से छोटे प्रॉफिट कमाने पर ध्यान दिया जाता है, लेकिन बार-बार ट्रेड करने से यह बड़ा मुनाफा बन सकता है।
शीघ्र निर्णय: इसमें तेज़ निर्णय और एक्शन की आवश्यकता होती है। इसमें संपत्तियों को कम कीमत पर खरीदना तथा उच्च कीमत पर बेचना शामिल है जो कि बहुत कम समय में करना होता है।
तकनीकी विश्लेषण: स्कैल्पिंग में तकनीकी चार्ट और इंडिकेटर्स का इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी टीवी समाचार या फेक न्यूज के चक्कर में न पढ़ें।
लिक्विडिटी वाली एसेट्स: केवल उन्हीं स्टॉक्स या मार्केट्स में ट्रेड किया जाता है जहां लिक्विडिटी अधिक हो। क्यों मूवमेंट अच्छा आता है और कम समय में ही अच्छा पैसा बनता है यदि आपने मार्केट के हिसाब से डायरेक्शन पकड़ लिया तो।
Scalping Trading के फायदे:
- मार्केट में बहुत अधिक समय बिताने की आवश्यकता नहीं।
- रिस्क कम हो सकता है क्योंकि ट्रेडिंग अवधि छोटी होती है। एक स्कैल्पकारोबारी कारोबार करने के लिए 5 सेकंड और 1 मिनट के बीच सबसे कम समय सीमा का उपयोग करता है। हालांकि कुछ मामलों में ट्रेड की अवधि 2 से 5 मिनट तक की हो सकती है।
- नियमित और लगातार मुनाफा कमाने का अवसर। उदाहरण के लिए: स्कैल्प ट्रेडिंग में, एक ट्रेडर Rs. 100 प्रति शेयर पर शेयर खरीद सकता है और उन्हें शीघ्र ही Rs. 100.50 पर बेच सकता है, एक दिन में ऐसे सैकड़ों छोटे लेनदेन पर Rs. 0.50 प्रति शेयर का लाभ कमा सकता है।
- स्कैल्प ट्रेडर को एक ही ट्रेड से बड़ा प्रॉफिट कमाने के बजाय कई ट्रेड से थोडा – थोडा प्रॉफिट कमाने पर भरोसा करना चाहिए |
- स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में बाज़ार का रिस्क कम हो जाता है |
Scalping Trading के नुकसान:
- हाई ब्रोकरेज चार्जेस : बार-बार उच्च मात्रा में स्टॉक खरीदना और बेचना लागत बढ़ा सकता है। क्योंकि बार-बार ट्रेड करना पड़ता है। सफल व्यापारी प्रतिदिन सैकड़ों नहीं तो दर्जनों ट्रेड कर सकते हैं।
- तेज़ गति से निर्णय लेने के कारण गलतियां होने की संभावना। आप जल्दबाजी में गलत कंपनी को चुन कर उसमें ट्रेड कर सकते हैं जो आपको भरी पड़ेगा। जिन कंपनी के शेयर में लिक्विडिटी कम होता है वो कंपनी स्कैल्प ट्रेडिंग के लिए बिलकुल अच्छी नहीं मानी जाती है |
- बड़ी रकम दांव पर लगाना : मुनाफ़ा कमाने के लिए, कुछ स्कैल्प ट्रेडर पैसे उधार लेकर ट्रेडिंग करते हैं अगर मुनाफ़ा उम्मीद के मुताबिक नहीं होता है, तो नुकसान हो सकता है।
- अधूरा ज्ञान: जिन कंपनीज के बारे में आपको ठीक से जानकारी नहीं है, उन कंपनीज में पैसा लगाना एक बुरा विचार हो सकता है। पैसा लगाने के लिए स्टॉक का चयन मायने रखता है।
- ट्रेडर के लिए बहुत अधिक फोकस और समय की आवश्यकता होती है। अगर शेयर का भाव विपरीत दिशा में चला जाता है तो नुकसान होने की संभावना रहती है।
क्या Scalping हर किसी के लिए सही है?
यह रणनीति उन लोगों के लिए सही है जो तेज़ी से निर्णय लेने में सक्षम हैं। जो मार्केट को समय-समय पर मॉनिटर कर सकते हैं। रिस्क मैनेजमेंट और तकनीकी एनालिसिस में कुशल हैं। अंततः इसकी सफलता व्यक्तिगत कौशल और बाजार की स्थितियों पर निर्भर करती है।
यह लंबी अवधि के निवेशकों या नए ट्रेडर्स के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता क्योंकि इसमें अनुभव और मार्केट की समझ की ज़रूरत होती है।
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