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Loan call scam : लोन के नाम पर फ्रॉड होने पर कहां शिकायत करें?

पैसे से जुड़ी हर जानकारी रखें, सुरक्षित रहें और फ्रॉड से बचें

लोन और क्रेडिट कार्ड से जुड़े कॉल अक्सर आते हैं। अगर इनसे संबंधित कोई लेन-देन आपकी अनुमति के बिना होता है, तो क्या क़दम उठाने चाहिए और खुद को कैसे सुरक्षित रखना चाहिए, यह जानना आवश्यक है।

चलिए ये एक उदाहरण से समझते हैं : अशोक को उसके बैंक से लोन का प्रस्ताव देने वाला कॉल आया, लेकिन उसने मना कर दिया क्योंकि उसे लोन की जरूरत नहीं थी। कुछ दिनों बाद, उसके बैंक खाते में 1 रुपये की राशि जमा हुई, जो बैंक की ओर से थी, जिससे उसे संदेह हुआ। अशोक ने अपनी डिजिटल पासबुक चेक की और देखा कि उसके खाते से लोन की ईएमआई कट रही थी, जो उसी बैंक से थी। उसने तुरंत बैंक मैनेजर से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। बैंक मैनेजर ने ग़लती स्वीकार की और काटी गई राशि को वापस कर दिया।

ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता, लेकिन किसी के साथ भी ऐसा हो सकता है। क्रेडिट स्कोर अच्छा होने पर बैंक या लोन कंपनियां अक्सर लोन के लिए कॉल करती हैं। इनमें से कुछ कॉल फ्रॉड हो सकते हैं, जबकि कुछ वैध भी हो सकता है। इसलिए सतर्क रहें। अगर आपके साथ भी ऐसा हो, जैसे अशोक के साथ हुआ, तो सही क़दम उठाना जानना जरूरी है।

लोन के नाम पर फ्रॉड होने पर कहां शिकायत करें?

हमारे देश में आज भी ऐसे कई लोग हैं जिन्हें ये नहीं पता कि शिकायत कैसे और कहां करवानी है और कितने समय में करनी है क्योंकि आप शिकायत दर्ज कराने में जितना लेट करते हैं हमें पैसा ट्रैक करने में उतनी ही परेशानी होती है।

ऑनलाइन ठगी में एक-एक मिनट अहम होता है, क्योंकि सारा खेल ऑनलाइन खेला जाता है, मिनटों में पैसा यहां से वहां ट्रासंफर होता है. इसलिए इसमें पहले 30 मिनट बेहद मायने रखते हैं

यदि आपके साथ इस प्रकार का कोई भी फ्रॉड या धोखाधड़ी होती है तुरंत अपने बैंक शाखा या ग्राहक सेवा से तुरंत संपर्क करें और स्पष्ट रूप से बताएं कि आपने लोन लेने से इंकार किया था। उनसे ईएमआई की कटौती को रोकने और आपके खाते से कटी हुई राशि को वापस करने का आग्रह करें।

स्वयं बैंक जाकर औपचारिक शिकायत दर्ज करें

पैसे का फ्रॉड होने पर बैंक में एक लिखित शिकायत दर्ज करें, जिसमें आप स्पष्ट रूप से उल्लेख करें कि आपने लोन लेने से मना कर दिया था, फिर भी बिना आपकी अनुमति के लोन जारी किया गया। शिकायत में ईएमआई की कटौती का भी जिक्र करें और तुरंत समाधान की मांग करें।

लोन दस्तावेज़ की समीक्षा करें

यदि आपको लोन से संबंधित दस्तावेज प्राप्त होते हैं तो ध्यानपूर्वक सभी दस्तावेजों की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी कागज पर आपकी स्वीकृति या हस्ताक्षर नहीं हैं। यह सुनिश्चित करें कि लोन प्रक्रिया में आपकी कोई सहमति नहीं दी गई है, ताकि ग़लत फ़हमी या धोखाधड़ी का कोई मामला स्पष्ट हो सके।

लोन ऑफर्स और प्रॉमिस की जांच करें:

अगर कोई लोन ऑफर बहुत ज्यादा आकर्षक या सामान्य से बाहर लगे, तो उसकी जांच जरूर करें। बहुत कम ब्याज दर या बिना किसी क्रेडिट चेक के लोन देना सामान्यतः फ्रॉड के संकेत हो सकते हैं।ऐसी स्कीमों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उस संस्था से संपर्क करें और उनकी विश्वसनीयता को परखें।

होने वाले फ्रॉड से खुद को सुरक्षित कैसे रखें

बैंक खाते में पंजीकृत नंबर का उपयोग किसी अन्य एप या सेवा में न करें। यदि ऐसा किया गया है, तो तुरंत एक नया नंबर प्राप्त करें और उसे बैंक खाते में अपडेट करें। यह आपकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेगा और संभावित धोखाधड़ी से सुरक्षित रखेगा।

मोबाइल में ऐसा कोई एप न रखें जिसमें आपकी जानकारी चोरी होने का जोखिम हो। अपने खाते पर हमेशा नजर रखें। अगर खाते में 1 रुपया भी प्राप्त होता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और खाते की जांच करें।

बैंक सहयोग न करें तो कहां शिकायत दर्ज करें?

अगर बैंक आपकी समस्या का समाधान नहीं करता है, तो कंज्यूमर फोरम या बैंकिंग ओम्बड्समैन (लोकपाल) में शिकायत दर्ज करें। ये संस्थाएं वित्तीय संस्थानों से संबंधित शिकायतों को हल करने में आपकी मदद कर सकती हैं। सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी दस्तावेज और प्रमाण उपलब्ध हों, जिससे आपकी शिकायत का समाधान प्रभावी तरीके से हो सके। आप आरबीआई के पास भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत : ऑनलाइन फ्रॉड को रजिस्टर करने के लिए National Cybercrime Reporting Portal (www.cybercrime.gov.in) बनाया गया है. पोर्टल पर शिकायत करने के बाद यहां मौजूद अधिकारी आपको खुद फोन करके अपराध से जुड़ी हर जानकारी मांगते हैं और कार्रवाई करते हैं।

फ्रॉड होने पर संबंधित व्यक्ति को क़ानूनी नोटिस भेजें

आप बैंक को एक क़ानूनी नोटिस जारी करें, जिसमें आप स्पष्ट रूप से ईएमआई की कटौती को रोकने, कटी हुई राशि की वापसी, और इस प्रक्रिया में हुई किसी भी असुविधा के लिए मुआवजे की मांग करें। यह नोटिस बैंक को आपकी समस्या को गंभीरता से लेने के लिए मजबूर करेगा और समाधान की प्रक्रिया में तेजी ला सकता है। इसके अलावा, आप न्यायालय में सिविल मामला दायर कर सकते हैं। इस स्थिति में एक क़ानूनी सलाहकार से परामर्श करें। सभी संचार और लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड रखें, ताकि आप अपनी शिकायत को सही तरीके से प्रस्तुत कर सकें।

अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को न बताएं

आपकी व्यक्तिगत जानकारी गोपनीय होती है और इसे किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए, चाहे वह सोशल मीडिया पर हो, कॉल पर या व्यक्तिगत रूप से। पासवर्ड, पिन, ओटीपी, क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारी और यहां तक कि आपकी जन्मतिथि जैसे पर्सनल डेटा को शेयर करने से पहचान की चोरी के मामले बन सकते हैं जिनके तहत आपको पता भी नहीं चलेगा और आपकी पहचान का उपयोग करके ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। यहां तक कि आपके पैन और आधार दस्तावेज भी बेहद गोपनीय होते हैं और उनकी फोटोकॉपी स्टेटमेंट ऑफ पर्पज के बिना शेयर नहीं की जानी चाहिए।

यह जानने के लिए कि कोई वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं, आप यह भी देख सकते हैं कि उसका वेब एड्रेस या URL “HTTP” से शुरू हो रहा है या “HTTPS” से। यदि किसी साइट का URL, HTTP से शुरू होता है, तो इसका मतलब है कि कनेक्शन सुरक्षित नहीं है। लॉग-इन करने, भुगतान करने या व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करने के लिए ऐसे पेज पर जाने से बचें, क्योंकि ऐसी वेबसाइटों पर शेयर की गई जानकारी को ट्रांजिट के दौरान इंटरसेप्ट किया जा सकता है।

किसी भी अनजान ईमेल को न खोले न ही क्लिक करें

प्राप्त ईमेल को न खोलें जिनके बारे में आपको पता न हो। ऐसी लिंक पर क्लिक करने से या अटैचमेंट डाउनलोड करने से आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन में वायरस आ सकता है या आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है। कुछ वायरस आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि अन्य आपकी व्यक्तिगत जानकारी और पहचान को चुरा सकते हैं।

किसी भी सस्ते ऑफर के चक्कर में न फंसे

जब आपको ऐसे ईमेल प्राप्त हों जिनमें कम ब्याज दर पर लोन प्रदान करने जैसे किसी ऑफ़र के बदले व्यक्तिगत जानकारी मांगी गई हो, तो सावधान रहें। अगर ये आपको किसी थर्ड- पार्टी प्लेटफ़ॉर्म/ वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करते हैं, तो चेक कर लें कि यह सुरक्षित हो।

लोन के नाम पर होने वाले फ्रॉड के लिए कानून में क्या सजा है

भारत में लोन के नाम पर होने वाले फ्रॉड के लिए कड़े कानून और सख्त सजा का प्रावधान है।

  • यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को धोखे से लोन दिलाने का झांसा देकर पैसे लेता है, तो उसे धारा 420 के तहत दोषी ठहराया जा सकता है। जिसके अंतर्गत अपराधी को 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
  • यदि किसी व्यक्ति ने दस्तावेज़ों में जालसाजी की है या नकली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया है, तो उसे धारा 468 और 471 के तहत सजा दी जा सकती है। जिसके अंतर्गत अपराधी को 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
  • यदि लोन फ्रॉड ऑनलाइन या डिजिटल माध्यमों के जरिए किया गया है, तो आईटी एक्ट 2000 के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है। जिसके अंतर्गत अपराधी को 3 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।

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