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FASTag New Rule : फास्टैग का आया नया नियम, देना पड़ सकता है भारी जुर्माना

FASTag का नया नियम सोमवार से लागू हो चुका है। इसके तहत कम बैलेंस, भुगतान में देरी या फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर अतिरिक्त जुर्माना लगेगा। आज हम जानेंगे कि

FAStag क्या है ? FAStag रखना क्यों जरूरी है?

सबसे पहले हम जान लेते हैं कि FAStag से संबंधित नए नियम क्या हैं?

FASTag New Rule : सरकार की ओर से जारी नए नियमों के तहत अगर गाड़ी के टोल पार करने से पहले फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक निष्क्रिय रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा। ऐसे पेमेंट एरर कोड 176 लिखकर रिजेक्ट हो जाएंगे। टोल लेन-देन 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है, तो यूजर्स पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा।

अगर फास्टैग को ब्लैकलिस्ट, हॉटलिस्ट या कम बैलेंस की स्थिति में एक घंटे से अधिक समय हो गया है, तो ट्रांजेक्शन को अस्वीकार कर दिया जाएगा। अगर फास्टैग स्कैन होने के बाद 10 मिनट तक इनएक्टिव या ब्लैकलिस्टेड रहता है, तो ट्रांजेक्शन फिर से अस्वीकार कर दिया जाएगा और यूजर को टोल शुल्क का दोगुना जुर्माना देना पड़ेगा।

ज्यादा जानकारी के लिए ये वीडियो देखें :

FASTag को लेकर NPCI ने किए नए नियम जारी

FAStag से होने वाले जुर्माना से कैसे बचें

  • टोल स्कैन के 10 मिनट के भीतर रिचार्ज कर लिया जाता है, तो केवल सामान्य टोल शुल्क देना होगा और दोगुना जुर्माने से बचा जा सकता है।
  • लंबी यात्रा शुरू करने से पहले अपने खाते में पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें।
  • समय-समय पर KYC डिटेल्स अपडेट करें।
  • आपका FASTag लो-बैलेंस कैटेगरी में जाएगा, वैसे ही आपको 10 मिनट के अंदर एसएमएस के अलावा FASTag ऐप पर नोटिफिकेशन भी आएगा

फास्टैग के नया नियम के फायदे

  • टोल कलेक्शन को ज्यादा पारदर्शी और सुचारु बनाना है।
  • टोल प्लाजा पर होने वाले विवादों को कम करेगा।
  • यह प्रणाली ट्रांजेक्शन फेल होने की घटनाओं को घटाएगी, टोल अनुभव को बेहतर बनाएगी और यूजर्स को अपने अकाउंट मैनेजमेंट पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करेगी।
  • अब एक और नियम फिक्स कर दिया है कि एक गाड़ी पर एक ही FASTag लिंक होगा।

FAStag क्या है?

FAStag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है जिसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा लागू किया गया है। यह एक RFID (Radio Frequency Identification) टेक्नोलॉजी पर आधारित टैग होता है, जिसे वाहन के फ्रंट विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। जब वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है, तो टोल शुल्क अपने आप FAStag से लिंक बैंक अकाउंट या वॉलेट से कट जाता है, जिससे कैश या कार्ड के झंझट से बचा जा सकता है।

FAStag रखना क्यों जरूरी है?

  • टोल पर समय बचाता है – टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में रुकने की जरूरत नहीं होती।
  • कैशलेस ट्रांजैक्शन – टोल फीस सीधे लिंक्ड बैंक अकाउंट से कट जाती है, जिससे कैश रखने की जरूरत नहीं होती।
  • ईंधन और समय की बचत – टोल प्लाजा पर बिना रुके निकलने से ईंधन की बचत होती है।
  • प्रदूषण कम करता है – बिना रुके टोल पार करने से वाहनों की भीड़ और कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है।
  • छूट और ऑफर – कई बार सरकार या बैंक FAStag पर कैशबैक और छूट प्रदान करते हैं।

FAStag कैसे बनवाएं?

FAStag को निम्नलिखित माध्यमों से खरीदा जा सकता है:
बैंकिंग पोर्टल्स – SBI, HDFC, ICICI, Axis, Paytm जैसे बैंक FAStag जारी करते हैं।
टोल प्लाजा – अधिकतर टोल प्लाजा पर FAStag उपलब्ध रहता है।
ई-कॉमर्स वेबसाइट्स – Amazon, Flipkart आदि पर भी उपलब्ध है।
माइगव पोर्टल (NHAI के तहत) – ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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