आंखों की रोशनी के साथ याददाश्त कमजोर हो रही है तो संभल जाएं। यह लक्षण ब्रेन ट्यूमर के भी हो सकते हैं। दरअसल आंखों की रोशनी लगातार कम होने पर व्यक्ति आंखों के डॉक्टरों को दिखाते हैं। जब आंखों की रोशनी चली जाती है, तब वे न्यूरो सर्जन के पास पहुंचते हैं, तब पता चलता है कि यह ब्रेन ट्यूमर है।
डॉक्टरों का मानना है कि इस बीमारी में आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होती है, खासकर बच्चों और युवाओं में यह समस्या ज्यादा होती है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे कुछ सामान्य लक्षण है जो बार-बार आएं तो मरीज को थोड़ा सतर्क जरूर होना चाहिए।
दो तरह के ट्यूमर : एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. सुमित राज बताते हैं कि आमतौर पर दो तरह के ट्यूमर होते हैं। सौम्य और दूसरा घातक। ब्रेन ट्यूमर तब होता है, जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में असामान्य कोशिकाएं बनती हैं। यह ट्यूमर सौम्य और घातक (कैंसरयुक्त) हो सकता है।
एम्स भोपाल में हर साल लगभग 400 मरीजों में ब्रेन ट्यूमर का आॅपरेशन किया जाता है। बीमारी को शुरुआत में पहचान लेने से इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है। ब्रेन ट्यूमर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं।
लक्षण : हमीदिया अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. रजनीश गौर बताते हैं कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण आमतौर पर इसके आकार, स्थान और वृद्धि के आधार नजर आते हैं। सिरदर्द और चक्कर आना आम लक्षण हैं। इसके अलावा दौरे पड़ना, ब्लर विजन, जी मिचलाना, बैलेंस बनाने में कठिनाई, मूड में बदलाव भी लक्षण हैं।
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