भोपाल संसदीय सीट पर हुए चुनाव में गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा क्षेत्र ने भाजपा उम्मीदवार आलोक शर्मा को रिकॉर्ड वोट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वहीं, इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वोट नोटा के खाते में भी गए।
गोविंदपुरा में करीब 1,760 और हुजूर में 1,179 वोट नोटा को मिले। इस बार चुनाव में भाजपा से आलोक शर्मा और कांग्रेस से अरुण श्रीवास्तव सहित 22 उम्मीदवार मैदान में थे। आलोक शर्मा ने अरुण को 5.01 लाख वोटों से शिकस्त दी। तीसरे नंबर पर बसपा के भानुप्रताप सिंह को करीब 13 हजार वोट मिले थे। चौथे नंबर पर नोटा रहा। नोटा के खाते में 6,573 वोट पड़े। जिला निर्वाचन कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, नोटा में सबसे ज्यादा वोट भाजपा के दोनों विधायक रामेश्वर शर्मा और कृष्णा गौर के क्षेत्रों में पड़े हैं। हालांकि इन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। एक अन्य भाजपा विधायक विष्णु खत्री की बैरसिया सीट पर सबसे कम 411 वोट नोटा को मिले। इधर, कांग्रेस के वर्चस्व वाली दोनों मुस्लिम बहुल सीट उत्तर भोपाल और मध्य भोपाल में क्रमश: 598 और 477 वोट नोटा को मिले। इन सीटों से आतिफ अकील और आरिफ मसूद विधायक हैं।
भाजपा का वोट शेयर बढ़ा : पार्टी के भरोसे और लक्ष्य को पूरा करने में भोपाल के प्रत्याशी आलोक शर्मा और यहां की टीम भी काफी हद तक सफल रही। भोपाल ने पिछले प्रदर्शन को बढ़ाते हुए वोट शेयर में 3.98 प्रतिशत की वृद्धि की है। हालांकि इनमें भोपाल मध्य और उत्तर में भाजपा उम्मीदवार को कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले कम वोट हासिल हुए।
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