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Ranveer Allahbadia controversy : समय रैना ने अपने यूट्यूब चैनल से शो के सभी एपिसोड किए डिलीट

India’s Got Latent बनाम नए जमाने की बिगड़ी सोच!

“India’s Got Talent” जैसे कार्यक्रम समाज को गलत दिशा दे रहे हैं या नहीं, यह एक बहस का विषय है। मगर इतना तय है कि लोग इन जैसे लोगों की वजह से आज समाज के नव युवक एक अलग ही दिशा में जा रहे हैं चलिए जानते हैं इनसे होने वाले नुकसान के बारे में…

ग़लत आदर्शों को बढ़ावा – इस तरह कार्यक्रम और कार्यक्रम में आने वाले लोग इन शो के जरिए शो में दिखावटी टैलेंट और ड्रामा पर ज़्यादा ध्यान देते हैं, जिससे असली प्रतिभा पीछे छूट जाती है।

भावनात्मक सोच : प्रतियोगियों की गरीबी या संघर्ष को सेंटीमेंटल एंगल से बेचा जाता है, जिससे सहानुभूति के बजाय कंटेंट का बाज़ारीकरण होता है।

योग्यता से अधिक एंटरटेनमेंट – इन कार्यक्रमों में कई बार सच्ची प्रतिभा के बजाय वही लोग आगे बढ़ते हैं, जो ज़्यादा मनोरंजन कर सकते हैं।

कमर्शियलाइजेशन – ये शो टीआरपी और विज्ञापन से पैसा कमाने का ज़रिया बन चुके हैं, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठता है।

जबकि होना ये चाहिए को इन प्रोग्राम की वजह से दूर-दराज़ के क्षेत्रों से आए लोगों को एक बड़ा मंच मिलता है, जिससे उन्हें करियर बनाने का अवसर मिलता है। इसलिए ये प्रोग्राम एक नई सोच के साथ साथ संस्कृति को भी लेकर आए।

निष्कर्ष: यह पूरी तरह इस पर निर्भर करता है कि हम इसे किस नजरिए से देखते हैं। यदि ये शो ईमानदारी से असली टैलेंट को बढ़ावा दें और शोहरत के बजाय काबिलियत को प्राथमिकता दें, तो ये समाज के लिए सकारात्मक हो सकते हैं। लेकिन यदि यह सिर्फ टीआरपी और व्यवसायिक लाभ के लिए भावनात्मक शोषण और गैर-जरूरी ड्रामे को बढ़ावा दे रहे हैं, तो इनकी प्रामाणिकता पर सवाल उठना लाज़मी है।

क्या है Ranveer Allahbadia controversy :

अब बात करते हैं Ranveer Allahbadia controversy की :

BeerBiceps के नाम से मशहूर यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को कॉमेडियन समय रैना के शो ‘India’s Got Latent’ पर अपनी आपत्तिजनक सवाल के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। समय रैना ने बुधवार को अपने यूट्यूब चैनल से इस शो के सभी एपिसोड हटा दिए। इसके एक दिन बाद मुंबई पुलिस रणवीर इलाहाबादिया के घर पहुंची।

Ranveer Allahbadia और Samay Raina के शो ‘India’s Got Latent’ को लेकर विवाद बढ़ गया है। असम पुलिस और मुंबई साइबर पुलिस ने उनके खिलाफ अश्लीलता के आरोप में केस दर्ज किया है। BNS 2023 और IT एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई हो रही है, और इस मामले की जांच जारी है।

महाराष्ट्र में, मुंबई साइबर पुलिस ने IT अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री प्रसारित करने का अपराध) समेत अन्य धाराएं लगाई हैं।

कॉमेडियन समय रैना ने अपने शो इंडियाज गॉट लेटेंट को लेकर चल रहे विवाद में सफाई दी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर दावा किया कि उन्होंने अपने शो के सारे वीडियोज यूट्यूब से हटा दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मकसद सिर्फ लोगों को हंसाना था।

समय रैना ने लिखा : ” जो भी हो रहा है, उसे मैं संभाल नहीं पा रहा हूं। मैंने इंडियाज गॉट लेटेंट के सारे वीडियोज अपने चैनल से रिमूव कर दिए हैं। मेरा मकसद सिर्फ लोगों को हंसाना और खुशी देना था। मैं सभी एजेंसियों के साथ पूरी तरह को-ऑपरेट करूंगा ताकि उनकी जांच सही तरीके से हो सके। थैंक यू।

30 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

इंडियाज़ गॉट लेटेंट में जूरी में नजर आ चुके सितारों की लिस्ट में रफ़्तार, बादशाह, सिद्धांत चतुवेर्दी, राखी सावंत, टोनी कक्कड़, तन्मय भट्ट, भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया का नाम भी शामिल हैं. समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मखीजा समेत 30 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पुलिस एक-एक करके सभी के बयान दर्ज कर रही है. अब तक रणवीर और अपूर्वा का बयान दर्ज किया जा चुका है. पुलिस ने अपूर्वा से 2 घंटे तक पूछताछ की।

ऑनलाइन कंटेंट में अश्लीलता को लेकर भारत में क्या कहता है कानून?

भारत में ऑनलाइन कंटेंट में अश्लीलता (Pornography) को लेकर कड़े कानून हैं। मुख्य रूप से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत अश्लील या आपत्तिजनक सामग्री पर नियंत्रण किया जाता है।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000)

    धारा 67 – इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने पर 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

    धारा 67A – यदि कोई व्यक्ति यौन रूप से स्पष्ट सामग्री (Sexually Explicit Content) प्रसारित करता है, तो 5 साल तक की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

    धारा 67B – बाल अश्लीलता (Child Pornography) से संबंधित कंटेंट पर 7 साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

    भारतीय दंड संहिता (IPC)

      धारा 292 – अश्लील किताबें, चित्र, फिल्में या अन्य सामग्री बेचने या वितरित करने पर 2 साल की सजा या जुर्माना।

      धारा 293 – यदि कोई अश्लील सामग्री नाबालिगों को बेचता है, तो 3 साल तक की सजा हो सकती है।

      धारा 294 – सार्वजनिक रूप से अश्लील हरकतें करने पर 3 महीने तक की सजा।

      पॉक्सो एक्ट, 2012 (POCSO Act, 2012)

        यदि कोई व्यक्ति नाबालिगों से संबंधित अश्लील सामग्री बनाता, साझा करता या देखता है, तो उसे कठोर दंड दिया जाता है।

        सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण

          भारत सरकार ने IT नियम, 2021 लागू किए हैं, जिनके तहत सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को आपत्तिजनक या अश्लील सामग्री हटानी होती है।

          क्या अश्लील कंटेंट देखना अपराध है?

          वयस्कों के लिए पोर्न देखना अवैध नहीं है, लेकिन इसे बनाना, साझा करना, या बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री देखना अपराध है। 2018 में, भारत सरकार ने भारत में 8000+ पोर्न वेबसाइटों को बैन किया था।

          निष्कर्ष : भारत में ऑनलाइन अश्लील सामग्री से जुड़े कड़े कानून हैं। यदि कोई व्यक्ति पोर्नोग्राफिक कंटेंट बनाता, साझा करता या बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री रखता है, तो उसे कड़ी सजा हो सकती है।

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