Kali Chaudas 2024 : दिवाली के एक दिन पड़ने वाला ये दिन काली चौदस को रूप चौदस या नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। या पर्व मां काली को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन मां काली की पूजा करने के साथ दीपक जलाने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर होती हैं और पापों से मुक्ति भी मिलती है।
छोटी दिवाली : ये त्यौहार दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का दूसरा दिन होता है और इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य नकारात्मकता, बुरी आदतों, और दरिद्रता से छुटकारा पाना होता है।
काली चौदस का महत्व
काली चौदस विशेष रूप से तंत्र साधना और शक्ति साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन को नकारात्मक शक्तियों को दूर करने और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए उपयुक्त माना गया है। देवी काली की पूजा कर व्यक्ति अपने अंदर की कमजोरियों और दोषों को समाप्त करने का संकल्प करता है। मान्यता है की काली चौदस पर काली पूजा करने से शत्रु पर विजय प्राप्ति का वरदान मिलता है. जो साधक तंत्र साधना करते हैं काली चौदस के दिन महाकाली की साधना को अधिक प्रभावशाली मानते हैं।
नरक चतुर्दशी का महत्व
नरक चतुर्दशी को भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध करके नरक से लोगों को मुक्ति दिलाई थी। इस दिन को आत्मा की शुद्धि, नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा और पापों का नाश करने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना और शरीर पर उबटन लगाना पवित्र माना जाता है।
काली चौदस तिथि और शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी. जो 01 नवंबर को शाम में 06 बजकर 16 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन होगा. मां काली की पूजा निशिता काल में होती है. ऐसे में काली चौदस 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
काली चौदस पूजा विधि
- सबसे पहले आप अभ्यंग स्नान कर लीजिए (अभ्यंग स्नान का अर्थ होता है मालिश और लेपन) काली चौदस के दिन मां काली की पूजा करने से पहले अभ्यंग स्नान करना बहुत जरूरी होता है।
- मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस दिन मां काली की पूजा करने से पहले स्नान कर इत्र लगाकर पूजा में बैठें।
- उसके बाद एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें।
- उसके उपर मां काली की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- दीपक जलाएं. उसके बाद फल, पुष्प, कुमकुम, हल्दी, कपूर, नारियल और नैवेद्य मां काली को अर्पित करें।
- अंत काली चालीसा का पाठ करें और मंत्र जाप करें।
नरक चतुर्दशी के दिन तेल मालिश के बाद स्नान का महत्व
नरक चतुर्दशी के दिन सुबह उठकर पूरे शरीर में तेल की मालिश करें. इसके बाद स्नान कर लें. कहा जाता है कि चतुर्दशी को तेल में लक्ष्मी जी और सभी जलों में मां गंगा निवास करती हैं. इसलिए तेल मालिश के बाद स्नान करने से देवियों का आशीर्वाद मिलता है।
काली चौदस की रात हनुमान जी की पूजा का धार्मिक महत्व
Choti Diwali 2024 Hanuman Puja : काली चौदस की रात हनुमान जी की पूजा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. यह न केवल बुरी शक्तियों से बचाती है बल्कि व्यक्ति को शक्ति, बल और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करती है. छोटी दिवाली की रात को घर की सफाई करना शुभ माना जाता है. कई जगहों पर काली चौदस को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है.
नरक चतुर्दशी और काली चौदस पर टोटके
- सरसों के तेल का दीपक जलाएं: इस दिन घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रखने में सहायक होता है।
- जल में काले तिल डालकर स्नान करें: सुबह स्नान के समय जल में काले तिल डालकर स्नान करना पवित्र माना गया है। इससे बुरी शक्तियों का नाश होता है।
- नारियल फोड़ें: घर के किसी कोने में नारियल फोड़कर उसकी माला देवी को अर्पित करना और घर में रखने से बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- नमक और राई से नजर उतारें: नमक और राई लेकर उसे चारों दिशाओं में घुमाकर घर के बाहर फेंकें। इससे घर की नकारात्मकता दूर होती है।
- मंत्र जप: इस दिन “ॐ कालिकायै नमः” मंत्र का जप करना विशेष लाभकारी होता है। इससे मन को शांति और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
इन टोटकों और पूजा-पाठ के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
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