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Asthma Signs and Symptoms : अस्थमा के कारण और लक्षण, भीड़ वाली जगह पर घबराहट होने पर क्या करें?

अस्थमा एक दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारी है जो आपके वायुमार्ग के संकीर्ण हो जाने के कारण होती है। अस्थमा के सामान्य लक्षणों में घरघराहट, खांसी, सांस फूलना और छाती में जकड़न शामिल हैं।

Asthma may cause difficulty breathing, chest pain, cough and wheezing. The symptoms may sometimes flare up.

अस्थमा के लक्षण : symptoms of an asthma

  • अस्थमा के सबसे सामान्य लक्षण ये हैं:
  • सांस लेने में दिक्कत
  • घरघराहट
  • खाँसी
  • छाती में जकड़न
  • ऊर्जा की कमी

सांस लेने में कठिनाई होने का अर्थ यह हो सकता है कि आपको आराम करते समय भी सांस लेने में कठिनाई महसूस हो। गंभीर अस्थमा के दौरे के दौरान, आपको अधिक गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

अस्थमा जैसी श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोगों को अक्सर भीड़ के बीच सांस लेने में कठिनाई और घबराहट महसूस होती है। ऐसी स्थिति में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आइए जानते हैं:-

अस्थमा (दमा) या अन्य श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोगों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों, जैसे विवाह समारोहों, मेलों या सार्वजनिक स्थानों पर सांस लेने में कठिनाई होती है। खासकर जब वे लंबी दूरी तक चलते हैं या किसी बंद स्थान में होते हैं। यह स्थिति असहज कर सकती है और तनाव व बेचैनी बढ़ा सकती है। हालांकि, अस्थमा के चलते सांस की दिक्कत होती है, लेकिन कभी-कभी यह स्थिति एंग्जाइटी या पैनिक डिसऑर्डर के कारण भी उत्पन्न हो सकती है।

अस्थमा (दमा) या अन्य श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोगों को भीड़ में घबराहट क्यों होती है?

अस्थमा एक क्रॉनिक स्थिति है, जिसमें वायुमार्ग में सूजन और संकुचन होता है, जिससे घरघराहट, सांस लेने में परेशानी या सीने में कसावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, मानसिक समस्याएं भी इस तरह की बेचैनी और परेशानी का कारण बन सकती हैं।

ऑक्सीजन की कमी और घुटन महसूस होना

भीड़-भाड़ वाले स्थानों में हवा का प्रवाह कम हो सकता है, जिससे ताजी हवा की कमी हो जाती है। इससे अस्थमा के रोगियों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और दम घुटने जैसा महसूस हो सकता है।

मानसिक तनाव और पैनिक अटैक

श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को जब ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है, तो दिमाग इसे खतरे के रूप में लेता है। इससे घबराहट, तेज़ दिल की धड़कन और पसीना आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

एक अध्ययन के अनुसार, अस्थमा और अन्य श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोगों में एंग्जाइटी डिसऑर्डर का जोखिम तीन गुना बढ़ जाता है। परिणामस्वरूप ऐसे लोग सार्वजनिक स्थानों पर जाने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें सांस नहीं आने का डर होता है।

एलर्जी और ट्रिगर फैक्टर्स

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर धूल, धुआं, परफ्यूम, और अन्य एलर्जी कारक अधिक होते हैं। ये अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।

वायरस और इंफेक्शन का डर

भीड़ में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है, जिससे अस्थमा के लक्षण बिगड़ सकते हैं।

भीड़ में घबराहट से बचने के उपाय

अस्थमा का समुचित इलाज और प्रबंधन
डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें, नियमित रूप से इनहेलर का उपयोग करें और धूल, प्रदूषण व अन्य एलजेंस से बचें। हमेशा साथ में इनहेलर रखें, ताकि अगर सांस लेने में समस्या हो, तो आप तुरंत राहत पा सकें।

अस्थमा और एंग्जाइटी को प्रबंधित करने के लिए श्वसन व्यायाम करें
डायफरमेटिक ब्रीदिंग (फेफड़ों की क्षमता में सुधारने का व्यायाम) जैसी तकनीकों का अभ्यास करें, जिसमें गहरी सांस लेने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसके अलावा, पर्ल्ड-लिप ब्रीदिंग से सांसों के प्रवाह को नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे घुटन होने की समस्या में आराम मिल सकता है।

धीरे-धीरे गहरी सांस लें और छोड़ें। 4-7-8 विधि: 4 सेकंड तक सांस लें, 7 सेकंड तक रोकें और 8 सेकंड तक धीरे-धीरे छोड़ें।

समारोहों में जल्दी पहुंचें
किसी समारोह या सार्वजनिक आयोजन में जल्दी पहुंचें, ताकि आप भीड़ बढ़ने के पहले आराम से बैठ सकें। अपनी सीट का चयन L इस प्रकार करें कि निर्गम या प्रवेश के नजदीक हो, ताकि आपको आसानी से बाहर निकलने का रास्ता मिल सके।

धैर्य पूर्वक स्थितियों का सामना करें
यदि किसी विशेष स्थिति या वातावरण में बेचैनी महसूस होती है, तो उसमें धीरे-धीरे प्रवेश करें। इससे आपका शरीर और मानसिक स्थिति उस अवस्था से धीरे-धीरे सामंजस्य बिठा पाएगी। उदाहरण के लिए, पहले कम भीड़ वाले स्थान पर जाएं और फिर अधिक व्यस्त स्थानों पर जाने का अभ्यास करें। ईयरफोन लगाकर शांत म्यूजिक सुनें या ध्यान करने की कोशिश करें।

मास्क पहनें
N95 मास्क पहनने से धूल, धुआं और संक्रमण से बचाव हो सकता है।

जरूरी दवाएं और इनहेलर साथ रखें
अस्थमा के मरीज हमेशा अपने इनहेलर और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं साथ रखें।

ध्यान का अभ्यास करें
मानसिक शांति और संतुलन के लिए ध्यान का अभ्यास करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से पहले ये अभ्यास शांतचित्त रखने में मदद करते हैं। साथ ही, घर के छोटे कमरे में आराम देने वाले व्यायाम, जैसे गहरी सांस लेना, बॉडी स्कैन मेडिटेशन आदि करें, ताकि बंद जगहों में भी आपको कम घबराहट हो।

पेशेवर से भी मदद लें
यदि अस्थमा और एंग्जाइटी के लक्षणों में सुधार न हो, तो मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक से मदद लें। सीबीटी और चिकित्सक की सलाह पर हल्की एंटी-एंग्जाइटी दवाइयां राहत दे सकती हैं। बार-बार भीड़ में घबराहट होती है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर जरूरी इलाज करवाएं।

अस्थमा और गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान अस्थमा के लक्षण और परेशानी

  • अस्थमा से पीड़ित गर्भवती महिलाओं में से कम से कम 3 में से 1 महिला को गर्भावस्था के दौरान सांस लेने में परेशानी होती है।
  • गर्भावस्था में अस्थमा की अधिकांश दवाइयां सुरक्षित होती हैं।
  • अगर आपको सांस लेने में परेशानी होती है और आपको पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है, तो आपके बच्चे को भी पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलेगी।

याद रखें, जब आपका अस्थमा अच्छी तरह से नियंत्रित हो तो यह आपके और आपके बच्चे के लिए सुरक्षित है।

गर्भावस्था के दौरान मैं अपने अस्थमा का प्रबंधन कैसे करूँ?

गर्भावस्था के दौरान अपनी सामान्य अस्थमा की दवा/दवाएँ लेते रहना बहुत ज़रूरी है।

  • अपने डॉक्टर से नियमित रूप से मिलें, ताकि आपके लक्षणों में बदलाव होने पर वे आपकी अस्थमा कार्य योजना को समायोजित कर सकें।
  • अगर आपको अस्थमा का दौरा (‘अस्थमा अटैक’) पड़ रहा है, तो इसका तुरंत इलाज करना ज़रूरी है। अपनी अस्थमा एक्शन प्लान में दिए गए निर्देशों के अनुसार अपनी दवाएँ लें। तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें या अपने स्थानीय अस्पताल के आपातकालीन विभाग में जाएँ।
  • गर्भावस्था के दौरान हर 4 सप्ताह में अपने डॉक्टर से मिलें ताकि यह पता चल सके कि आपका अस्थमा नियंत्रण में है या नहीं।
  • आप अस्थमा की ज़्यादातर दवाएँ लेते हुए भी अपने बच्चे को सुरक्षित रूप से स्तनपान करा सकती हैं । हालांकि विशिष्ट दवाओं के साथ स्तनपान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से बात करें।
  • आपका अस्थमा आमतौर पर आपके बच्चे के जन्म के कुछ महीनों बाद सामान्य हो जाता है, भले ही गर्भावस्था के दौरान यह बदतर हो जाए।

अस्थमा से बचने के आयुर्वेदिक उपाय

कुछ आसान आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

अदरक : आयुर्वेद के अनुसार यह कफ को कम करने की अचूक दवा है और अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है. अदरक श्वासनली को फैलाने में भी मदद करता है जिससे सांस लेने की समस्या में आराम मिलता है। अदरक के रस में शहद मिलाकर पीना ज्यादा जल्दी असर करता है।

तुलसी : तुलसी में कफ को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं. इसके सेवन से रेस्पिरेटरी ट्रैक में जमा कफ दूर होता है साथ ही सांस की नली की सूजन भी कम होती है। तुलसी की चाय पी सकते हैं साथ ही साथ तुलसी का अर्क का भी उपयोग कर सकते हैं।

मुलेठी : मुलेठी में कफ को शांत करने वाले गुण होते हैं. अस्थमा के मरीजों के लिए यह काफी उपयोगी है. इससे गले में कम नहीं जमता है और खांसी से जल्दी राहत मिलती है। मुलेठी के चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पीने से फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं में लाभ मिलता है।

अस्थमा से संबंधित सामान्य प्रश्न उत्तर

क्या अस्थमा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है?
नहीं, अस्थमा संक्रामक नहीं है। बैक्टीरिया और वायरस जैसे कीटाणु इस बीमारी का कारण नहीं बनते, इसलिए यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता।

क्या बिना दवा के अस्थमा ठीक हो सकता है?
कुछ मामलों में व्यायाम करने से, खास तौर पर ठंडी हवा में, वायुमार्ग में सूजन या व्यायाम से प्रेरित ब्रोन्कोकन्सट्रिक्शन (ईआईबी) हो सकता है।

अस्थमा के मरीज को कैसे सोना चाहिए?
अस्थमा के मरीज रात में नींद न आने पर बाईं ओर करवट लेकर सोने की कोशिश करें।

क्या अस्थमा में अंडा खाना चाहिए?
अस्थमा के मरीज को अंडा खाने से भी बचना चाहिए। अंडे में ऐसे पोषक तत्त्व होते हैं जिससे परेशानी काफी बढ़ सकती है। कई बार फेफड़ो में तकलीफ हो सकती है।

निष्कर्ष : अस्थमा या अन्य श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों को भीड़ में जाने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। इनहेलर साथ रखना, गहरी सांस लेना, मास्क पहनना और मानसिक रूप से शांत रहने की कोशिश करना सहायक हो सकता है। अगर समस्या बार-बार होती है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

याद रखें : ये आर्टिकल कुछ अलग अलग चिकित्सकों के द्वारा सलाह लेने के बाद ही लिखा गया है। इसलिए यदि आपको किसी भी प्रकार के प्रश्न या doubt हों तो अपने चिकित्सक से अपने अस्थमा के विषय में सलाह लें। ये आर्टिकल केवल आपको जागरूक करने के लिए लिखा गया है जिससे आप कोई गलत कदम न उठाएं।

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