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International women’s day : अधिकार, समानता और सशक्तिकरण का दिन है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

Why the International women’s day is celebrated?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जब महिलाओं को राष्ट्रीय, जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, आर्थिक या राजनीतिक सीमाओं में उनकी उपलब्धियों के लिए मान्यता दी जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का विषय है- ‘सभी महिलाओं और लड़कियों के लिएः अधिकार, समानता सशक्तिकरण।’ इस वर्ष का यह विषय सभी के लिए समान अधिकार, शक्ति और अवसर प्रदान करने तथा एक समावेशी भविष्य के लिए कार्य करने का आह्वान करता है जहां कोई भी पीछे न छूटे। इस दृष्टिकोण का मुख्य लक्ष्य अगली पीढ़ी यानि युवाओं, विशेष रूप से युवा महिलाओं और किशोरियों को स्थायी परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में सशक्त बनाना है।

महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है। देश महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की और परिवर्तन कर गवाह बन रहा है, जो राष्ट्रीय प्रगति में समान भागीदारी सुनिश्चित करता है। महिलाएं भारत के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को आकार देने, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल समावेशन और नेतृत्व की भूमिकाओं में बाधाओं को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3 मार्च, 2025 को, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले नमो ऐप ओपन फोरम पर देश की महिलाओं को अपनी प्रेरक जीवन यात्रा साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने पहले से प्रस्तुत उल्लेखनीय कहानियों की प्रशंसा की जिसमे विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं की दृढ़ता और उपलब्धिर्यों पर प्रकाश डाला गया। एक विशेष पहल के रूप में उन्होंने घोषणा की कि चयनित महिलाएं अपनी आवाज़ और अनुभवों के विस्तार के लिए 8 मार्च को उनके सोशल मीडिया अकाउंट संभालेंगी। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं के योगदान को स्वीकृति देना और उनके सशक्तिकरण और सफलता की यात्रा को प्रदर्शित करके दूसरों को प्रेरित करना है।

महिला दिवस विशेष : महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः यानी जहां पर नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है। यह स्पष्ट करता है कि बहुत लंबे समय से नारी के महत्व को रेखांकित किया जाता रहा है।

महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें सम्मान देना है। महिलाओं ने इतिहास में हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है, चाहे वह शिक्षा हो, राजनीति हो, विज्ञान हो या खेल का मैदान।

महिला दिवस 8 मार्च को मनाने के पीछे एक ऐतिहासिक कारण है। यह दिन महिलाओं के अधिकारों, समानता और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

8 मार्च को ही क्यों चुना गया?

  • श्रमिक महिलाओं का संघर्ष (1908) – न्यूयॉर्क में 15,000 महिला मजदूरों ने कम वेतन, कम काम के घंटे और मतदान के अधिकार के लिए प्रदर्शन किया।
  • पहला महिला दिवस (1910) – क्लारा ज़ेटकिन, एक जर्मन समाजवादी नेता, ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया, जिसे 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया।
  • रूसी क्रांति (1917) – रूस में 8 मार्च को महिलाओं ने “ब्रेड एंड पीस” (रोटी और शांति) के लिए हड़ताल की, जिससे ज़ार का पतन हुआ और महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।
  • संयुक्त राष्ट्र की मान्यता (1977) – संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में आधिकारिक मान्यता दी।

इसलिए, 8 मार्च को महिलाओं के अधिकारों और समानता की दिशा में किए गए संघर्षों को याद करने और जागरूकता फैलाने के लिए चुना गया।

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