आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘चेक समाशोधन को दुरुस्त करने, निपटान जोखिम कम करने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) की वर्तमान प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव है।’’
चेक जमा करने के कुछ ही घंटों में होगा ‘क्लियर’
वर्तमान में चेक जमा करने से लेकर राशि आने तक दो दिन का समय लग जाता है। लेकिन नई व्यवस्था के अंतर्गत चेक जमा करने के कुछ ही घंटों में यह ‘क्लियर’ हो जाएगा।इसके अलावा, आरबीआई ने बैंकों की तरफ से अपने ग्राहकों के बारे में ‘क्रेडिट’ सूचना कंपनियों को दी जाने वाली रिपोर्ट हर पखवाड़े देने का प्रस्ताव किया है। वर्तमान में महीने में एक बार यह रिपोर्ट दी जाती है।
RBI के ऐलान के बाद बिखरे सेंसेक्स-निफ्टी
सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को BSE Sensex ने अपने पिछले बंद 79,468.01 की तुलना में गिरावट के साथ 79,420.49 के लेवल पर कारोबार शुरू किया था और जब RBI MPC के रिजल्ट घोषित किए गए, तो खबर लिखे जाने तक सुबह 10.10 बजे पर ये 509.69 अंक या 0.64 फीसदी गिरकर 78,958.32 के लेवल पर आ गया था. सेंसेक्स की तरह ही NSE Nifty भी देखते ही देखते बिखर गया. ये 148.50 अंक टूटकर 24,149.45 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था.यूपीआई का उपयोगकर्ता आधार 42.4 करोड़
यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सीमा बढ़ाने घोषणा की
दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सीमा बढ़ाने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई अपनी सहज सुविधाओं से भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है। वर्तमान में, यूपीआई के लिए कर भुगतान की सीमा एक लाख रुपये है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डाटा गोपनीयता, ब्याज दरों तथा वसूली प्रक्रियाओं, गलत बिक्री आदि पर चिंताओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश दो सितंबर, 2022 को जारी किए गए थे।
गवर्नर शक्तिकान्त दास आगे कहते हैं कि हमने बैंकों से कहा कि वे अपने विशाल शाखा नेटवर्क का लाभ उठाकर नवोन्मेषी उत्पादों तथा सेवाओं के जरिये जमा जुटाएं।उन्होंने कहा, ‘‘ बैंक बढ़ती ऋण मांग को पूरा करने के लिए अल्पकालिक गैर-खुदरा जमा और देयता के अन्य साधनों का अधिक सहारा ले रहे हैं। जैसा कि मैंने जोर दिया है, इससे बैंकिंग प्रणाली में संरचनात्मक नकदी संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।’’
बैंकों द्वारा सीआईसी की रिपोर्ट हर पखवाड़े देने का प्रस्ताव
बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी स्वर्ण ऋण जैसे अन्य गारंटी वाले कर्जों मसलन गोल्ड लोन पर ‘टॉप-अप’ ऋण की पेशकश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा ऋण सूचना कंपनियों (सीआईसी) की रिपोर्ट हर पखवाड़े देने का प्रस्ताव है। गवर्नर दास ने कहा कि वर्तमान में ऋणदाताओं को मासिक आधार पर या ऋणदाताओं तथा क्रेडिट ब्यूरो के बीच सहमति से तय छोटे अंतराल पर सीआईसी को ऋण संबंधी जानकारी देनी होती है।
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